उत्तर प्रदेश में किसके साथ जाएगा ब्राह्मण वोटबैंक ? विनय तिवारी की रिहाई के बाद सपा ने बढ़ाया संपर्क,
भाजपा पर हो रहे तेज हमले
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Brahmin Vote Bank Politics: पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की जेल से रिहाई के बाद पूर्वांचल की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विनय शंकर तिवारी दिवंगत बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं। समाजवादी पार्टी अब उन्हें ब्राह्मणों के चेहरे के तौर पर सामने ला रही है। सपा इस कदम से ब्राह्मण वोट बैंक को फिर से जोड़ना चाहती है।
हरिशंकर तिवारी से जुड़ा है ब्राह्मण राजनीति का इतिहास
पंडित हरिशंकर तिवारी कभी ब्राह्मण समाज के बड़े नेता थे। वे मुलायम सिंह और मायावती दोनों की सरकार में मंत्री रह चुके थे। परशुराम जयंती पर छुट्टी की शुरुआत भी उन्हीं की पहल पर हुई थी। उनके निधन के बाद गोरखपुर का हाता ब्राह्मण राजनीति का केंद्र बन गया है।
ईडी की कार्रवाई के बाद दिखी नाराजगी
विनय शंकर को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इस पर ब्राह्मण समाज ने नाराजगी जताई थी। कई नेताओं ने इसे एकतरफा और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई बताया। सोशल मीडिया पर भी विरोध देखने को मिला।
रिहाई के बाद सपा ने साधा निशाना
जेल से रिहा होने के बाद सपा नेताओं ने भाजपा पर सीधा हमला बोला। आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ब्राह्मणों के खिलाफ काम कर रही है। सपा ने यह भी कहा कि योगी सरकार में परशुराम जयंती की छुट्टियां और आयोजन बंद कर दिए गए हैं।
ठाकुर वोट के नुकसान की ब्राह्मणों से भरपाई
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि विधानसभा चुनाव में सपा को ठाकुर वोट का नुकसान हो सकता है। इसलिए पार्टी ब्राह्मणों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में है। सपा यह संदेश देना चाहती है कि भाजपा सरकार में ब्राह्मणों की अनदेखी हो रही है।
भाजपा के ब्राह्मण नेता चुप
सपा ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पर टिप्पणी की। सीएम योगी ने इसका जवाब दिया, लेकिन भाजपा के ब्राह्मण नेता चुप रहे। इस पर भी कई सवाल उठ रहें हैं।
अखिलेश ने की परशुराम जयंती पर घोषणा
अखिलेश यादव ने परशुराम जयंती पर भगवान परशुराम की मूर्ति लगाने की घोषणा की। साथ ही सपा सरकार बनने पर फिर से अवकाश देने का वादा किया है।