ओपी राजभर के घर पथराव, सुभासपा ने जताई नाराज़गी, एबीवीपी बोली- चाहिए इस्तीफा,
जानें क्या है वजह
5 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की सियासत में छात्रों के मुद्दे को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताज़ा मामला लखनऊ का है, जहां यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के आवास के बाहर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। विरोध इतना बढ़ गया कि वहां पथराव तक हो गया। इस घटना से पार्टी में आक्रोश है और सुभासपा नेताओं ने इसे सुनियोजित गुंडागर्दी करार दिया है। विवाद की जड़ मंत्री ओपी राजभर का वह बयान है जिसमें उन्होंने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को गुंडा कह दिया था।
ओपी राजभर पर हमले से सुभासपा नाराज़
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने पथराव की घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह न सिर्फ एक नेता पर हमला है, बल्कि पूरे अतिपिछड़े वर्ग का अपमान है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अराजक तत्वों ने मंत्री के आवास पर पत्थर फेंके और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। अरुण राजभर ने कहा कि ओपी राजभर जी को गालियां दी जा रही हैं, जो बर्दाश्त से बाहर है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
एबीवीपी ने जताई नाराज़गी
ABVP कार्यकर्ताओं का कहना है कि बाराबंकी के श्रीराम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में छात्रों की समस्याओं को लेकर किए गए उनके प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। इसी बीच, ओपी राजभर ने छात्रों को गुंडा कहकर संबोधित कर दिया। इससे नाराज़ होकर ABVP ने लखनऊ में राजभर के घर के बाहर प्रदर्शन किया और पुतला दहन किया।
कैसे शुरू हुआ विवाद
ABVP का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार मनमानी कर रहा है। यहां लॉ डिग्री की मान्यता से जुड़ी गड़बड़ियां, दो छात्रों का अवैध निष्कासन, मनमानी फीस वसूली और 5000 का अवैध जुर्माना लगाया जा रहा है। इसके अलावा स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित सतत तिरंगा यात्रा का भी विरोध किया गया। इन्हीं मुद्दों पर प्रदर्शन के दौरान पुलिस की लाठीचार्ज में दो दर्जन से अधिक छात्र घायल हो गए।
एबीवीपी की मांगें
ABVP नेताओं ने साफ किया है कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता। संगठन ने चार बड़ी मांगें रखीं हैं।
- मंत्री ओपी राजभर सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।
- यूपी सरकार तुरंत उनसे इस्तीफा ले।
- विश्वविद्यालय प्रशासन की जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई हो।
- घायल छात्रों को न्याय और उचित इलाज मिले।
फिलहाल सरकार और मंत्री की ओर से इस पूरे विवाद पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।