भारत में संविधान दिवस का जश्न:
राष्ट्रपति मुर्मू ने किया विशेष समारोह का नेतृत्व
1 months ago Written By: Aniket prajapati
भारत आज 26 नवंबर को संविधान दिवस मना रहा है। यह वही ऐतिहासिक दिन है जब वर्ष 1949 में भारत ने अपना संविधान अंगीकार किया था। देशभर में इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, लेकिन सबसे मुख्य समारोह पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में हो रहा है। इस आयोजन का नेतृत्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर रही हैं। देश के शीर्ष संवैधानिक पदों पर आसीन नेता इस कार्यक्रम में शामिल होकर संविधान के महत्व और उसकी मूल भावना को याद कर रहे हैं। यह कार्यक्रम लोकतंत्र की मजबूती और भारत की एकता को समर्पित है।
ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में सम्पन्न हुआ राष्ट्रीय समारोह पुराने संसद भवन के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में संविधान दिवस का राष्ट्रीय समारोह आयोजित किया गया। इसे विशेष रूप से इसलिए भी महत्वपूर्ण माना गया क्योंकि इसी कक्ष में संविधान सभा ने भारत के संविधान पर कई महत्वपूर्ण बहसें की थीं और उसे अंतिम रूप दिया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जिसमें देश के कई प्रमुख नेता मौजूद रहे।
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने बढ़ाया समारोह का महत्व इस राष्ट्रीय आयोजन में देश के शीर्ष नेता शामिल हुए। राष्ट्रपति के साथ उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति सी.पी. राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्रियों और संसद सदस्यों ने भी कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सभी नेताओं ने संविधान के महत्व और इसके संरक्षण के संकल्प को दोहराया।
“भारत एक है और सदैव एक रहेगा” — उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने संविधान की महानता और इसके निर्माण की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संविधान का ड्राफ्ट तैयार करना, उस पर बहस करना और उसे मंजूरी देना—ये सभी कार्य स्वतंत्रता संग्राम में शामिल महान नेताओं की वजह से संभव हो पाए। उन्होंने बताया कि संविधान देशवासियों की आशाओं, सपनों और त्याग का प्रतीक है। उपराष्ट्रपति ने कहा, “हमारा संविधान बुद्धिमत्ता, अनुभव, त्याग और आकांक्षाओं से निर्मित हुआ है। संविधान की आत्मा ने यह साबित कर दिया है कि भारत एक है और हमेशा एक रहेगा।”