दो साल तक चला पांच रुपए का केस,
अब रेड बस को देना होगा हजार गुना हर्जाना
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक बेहद दिलचस्प और अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति ने महज 5 रुपए के बकाया के लिए पूरे 23 महीने तक कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिरकार जीत हासिल की। जिला उपभोक्ता फोरम ने न केवल शिकायतकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया बल्कि प्रतितोष आदेश जारी करते हुए कंपनी को 5 रुपए लौटाने के साथ-साथ मुकदमे का खर्च 5000 रुपए भी अदा करने का निर्देश दिया।
कैसे शुरू हुआ मामला ? गाजियाबाद के गोविंदपुरम स्थित बालाजी एंक्लेव के निवासी अधिवक्ता नरेश कुमार ने 17 अगस्त 2023 को रेडबस ऐप के जरिए राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) की एक बस बुक की थी। आनंद विहार, दिल्ली से भिवाड़ी, राजस्थान जाने वाली इस बस की टिकट के लिए उन्होंने 97 रुपए का भुगतान किया। टिकट की डिटेल्स व्हाट्सएप और ईमेल पर भेजी गईं, लेकिन उसमें बोर्डिंग पॉइंट स्पष्ट रूप से सिर्फ “दिल्ली” लिखा हुआ था, जिससे भ्रम की स्थिति बन गई।
बस नहीं आई, भरोसा टूटा जिसके अगले दिन सुबह जब नरेश कुमार आनंद विहार पहुंचे तो उन्हें वहां कोई बस नहीं मिली। पूछताछ केंद्र से जानकारी मिली कि आनंद विहार से भिवाड़ी के लिए कोई बस चलती ही नहीं है। यह सुनकर शिकायतकर्ता को न केवल मानसिक आघात पहुंचा बल्कि उन्हें खुद को ठगा हुआ भी महसूस हुआ।
रेडबस ने लौटाए पैसे, पर लड़ी गई बड़ी लड़ाई वहीं घटना के बाद रेडबस ने उन्हें टिकट के 92 रुपए वापस कर दिए, लेकिन नरेश कुमार का मानना था कि कंपनी की लापरवाही और गलत जानकारी की वजह से उन्हें मानसिक और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। इसी कारण उन्होंने अक्टूबर 2023 में उपभोक्ता आयोग में मामला दर्ज कर दिया।
आयोग का फैसला वहीं मामले की सुनवाई के दौरान रेडबस की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया। आयोग के अध्यक्ष प्रवीण कुमार जैन ने मामले को एकतरफा सुनते हुए रेडबस को सेवा में कमी और अनुचित व्यापार का दोषी माना। आयोग ने आदेश दिया कि शिकायतकर्ता को 5 रुपए का बकाया, साथ ही 5000 रुपए मुकदमे का खर्च, 45 दिन के भीतर अदा किया जाए।