संभल दंगे में वकील विष्णु शंकर जैन को मारने की रची गई थी साजिश,
साठा गैंग के गुर्गे गुलाम ने पुलिस हिरासत में कबूला
2 months ago
Written By: News Desk
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में सामने आया है कि हिंसा के दौरान हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन को मारने की साजिश रची गई थी। इस बात का खुलासा दंगे के मास्टरमाइंड शारिक साठा के गुर्गे गुलाम ने किया है। उसने बताया कि वकील को मारने के लिए उसे असलहा और फोटो भी उपलब्ध कराई गई थी।
आरोपी को पूर्व सांसद का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त
संभल एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई के मुताबिक आरोपी गुलाम को समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी वारिस को दंगाइयों के बीच शामिल करने के लिए हथियार भी इसी गैंग ने मुहैया कराए थे। पुलिस ने वारिस को एक माह पहले गिरफ्तार किया था।
वकील विष्णु शंकर जैन को मारने की साजिश
गिरफ्तार आरोपी गुलाम ने पूछताछ में कबूल किया कि उसे विष्णु शंकर जैन की हत्या करने का निर्देश दिया गया था। इसके लिए उसे असलहा और फोटो भी उपलब्ध कराए गए थे। उसने बताया कि यह साजिश दुबई में बैठे शारिक साठा ने रची थी। योजना थी कि सर्वे के दौरान ही अधिवक्ता और पुलिस कर्मियों पर हमला कर हिंसा को और भड़काया जाए ताकि हथियारों की तस्करी का धंधा फिर से शुरू हो सके।
संभल हिंसा में आतंकी कनेक्शन की आशंका
इस हिंसा की जांच कर रही एजेंसियों को आतंकी कनेक्शन के संकेत भी मिले हैं। पुलिस और एसटीएफ को शक है कि संभल हिंसा में आईएसआई और अल-कायदा जैसे संगठनों की संलिप्तता हो सकती है। जांच एजेंसियों को खुफिया इनपुट मिले हैं कि संभल के दीपा सराय और नखासा इलाकों में मौजूद संदिग्ध लोगों ने हिंसा के लिए हथियारों की सप्लाई और फंडिंग की थी। पुलिस के मुताबिक, शारिक साठा गैंग का संबंध अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से भी हो सकता है।
हिंसा में कुल 79 आरोपी गिरफ्तार
संभल पुलिस ने अब तक हिंसा में शामिल 79 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में गुलाम के अलावा वारिस भी शामिल है, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। वारिस के पास से देसी तमंचा और कारतूस बरामद किए गए थे। पुलिस को हिंसा वाले दिन वारिस का एक ऑडियो भी मिला था, जिसमें उसने दंगाइयों को भड़काने और पुलिस पर हमला करने की बात कही थी।
मस्जिद को बताया बाबर की निशानी
जांच में यह भी सामने आया है कि हिंसा के दौरान दंगाइयों को भड़काने के लिए यह कहा गया कि जामा मस्जिद 500 साल पुरानी बाबर की निशानी है और इसे बचाने के लिए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन को खत्म करना जरूरी है। आरोपियों ने अपने मोबाइल से कई डेटा डिलीट कर दिए थे, जिन्हें अब फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।