झांसी में 70 साल के बुजुर्ग की नाग से अनोखी दुश्मनी..!
14 बार डसा, हर बार मौत को मात
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के चिरगांव क्षेत्र के ग्राम पट्टी कुम्हर्रा से एक ऐसी रहस्यमयी और सनसनीखेज़ घटना सामने आई है जिसने पूरे गांव को दहशत और अंधविश्वास की गिरफ्त में ले लिया है। यहां 70 वर्षीय बुजुर्ग सीताराम को एक ही सांप अब तक 14 बार डस चुका है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि हर बार वह मौत के मुंह से वापस लौट आते हैं। गांव में लोग इसे नाग-नागिन का बदला, पिछले जन्म का पाप और पुनर्जन्म की दुश्मनी तक बता रहे हैं। सीताराम अब गांव के बच्चों के लिए “नागों का शिकार” बन गए हैं, और उनका किस्सा चौपाल से लेकर सोशल मीडिया तक वायरल हो गया है।
35 साल की उम्र में शुरू हुई थी 'नाग' की कहानी
सीताराम बताते हैं कि जब वह करीब 35 साल के थे, तभी पहली बार सांप ने उन्हें डसा था। उस समय गांव के वैद्य ने उनका इलाज किया और वह बच गए। लेकिन यहीं से यह रहस्यमयी सिलसिला शुरू हो गया। सीताराम का दावा है कि हर तीन साल बाद वही सांप लौटकर आता है और उन्हें डसकर चला जाता है। उन्होंने बताया कि, संप ने उन्हें 14 बार डसा… 14 बार मौत के दरवाजे तक पहुंचा… और हर बार बच गया।
मंदिर में 14वां हमला, गांव में मचा हड़कंप
ताज़ा घटना कुछ दिनों पहले की है, जब सीताराम खेड़ापति हनुमान मंदिर दर्शन करने गए थे। अचानक झाड़ियों के बीच से वही सांप निकल आया और सीताराम के पैर पर वार कर दिया। इस मंजर को देख गांववाले सन्न रह गए। कोई डंडा लेकर दौड़ा, तो कोई मंत्र-जाप करने लगा। सीताराम को तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें स्थिर बताया।
गांव में फैल गई अंधविश्वास की आंधी
इस घटना के बाद पट्टी कुम्हर्रा गांव में अफवाहों और कहानियों की बाढ़ आ गई है। कुछ लोग इसे नाग-नागिन का बदला मान रहे हैं। कई बुजुर्ग कह रहे हैं कि यह पिछले जन्म का हिसाब-किताब है। कुछ युवक इसे मज़ाक में “नागिन सीरियल का असली किस्सा” कहकर वायरल कर रहे हैं। लेकिन डर इतना बढ़ गया है कि गांववाले अब सीताराम के पास अकेले बैठने से भी बच रहे हैं। "अब डर नहीं लगता मुझे" – सीताराम। 70 वर्षीय सीताराम अब निडर हो चुके हैं। वह कहते हैं, “पहले डर लगता था, लेकिन अब मैंने जिंदगी का लंबा सफर तय कर लिया है। मुझे समझ नहीं आता कि यह सांप आखिर मेरा पीछा क्यों कर रहा है।"
किस्मत और मजबूत इम्युनिटी का कमाल
स्थानीय अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि सीताराम का बार-बार बचना उनकी किस्मत और मजबूत प्रतिरोधक क्षमता का नतीजा हो सकता है। हालांकि, वैज्ञानिक कारणों को नजरअंदाज कर ग्रामीण इसे रहस्यमयी चमत्कार मान रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ किस्सा
यह अनोखा मामला अब झांसी की चौपाल से निकलकर सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड करने लगा है। लोग इसे “नाग-सीताराम की अधूरी कहानी” कह रहे हैं। ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #NagKaBadla और #NagSeRishta जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।