योगी के शहर में थप्पड़-बाज दरोगा…दुर्गासमिति के अध्यक्ष को जड़ा थप्पड़…
पंडाल में थोड़-फोड़ के आरोप, वीडियो वायरल
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से आस्था और पुलिसिया कार्रवाई के टकराव का मामला सामने आया है। यहां कैंट थाना क्षेत्र के इंजीनियरिंग कॉलेज चौकी अंतर्गत सिंघड़िया से एक थप्पड़-बाज दारोगा का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें बीती 18 सितंबर की रात इंजीनियरिंग कॉलेज चौकी इंचार्ज नवीन कुमार रॉय एक युवक को थप्पड़ मारते नजर आ रहे हैं। वहीं वीडियों में पिटता युवक दुर्गा समिति का अद्यक्ष बताया जा रहा है।
पित्तंगा पंडाल को लेकर हुआ विवाद वहीं इस पूरी घटना के बाद स्थानीय लोगों का कहना है कि, पिछले 18 साल से श्री-श्री दुर्गा पूजा युवा गोल्डेन छात्र समिति यहां पर प्रतिमा स्थापित करने के लिए पंडाल लगाती रही है। समिति का दावा है कि इस बार भी पंडाल उसी जगह बनाया गया था, जहां हर साल बनाया जाता है और यह पंडाल सड़क पर नहीं था। लेकिन 18 सितंबर की देर रात करीब 1 बजे चौकी इंचार्ज नवीन कुमार रॉय मौके पर पहुंचे और पंडाल को तत्काल हटाने का आदेश दे दिया। जब समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि इतनी रात में पंडाल कैसे हटाया जाए और यह पंडाल तो हमेशा की तरह वहीं पर लगाया गया है, तो चौकी इंचार्ज गुस्से में आ गए।
थप्पड़ और गालियों का आरोप वहीं समिति के अध्यक्ष नीतीश का आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने बहस के दौरान न सिर्फ पंडाल को क्षतिग्रस्त किया बल्कि उनका मोबाइल तोड़ दिया और थप्पड़ जड़ते हुए भद्दी-भद्दी गालियां भी दीं। वायरल वीडियो में चौकी इंचार्ज को थप्पड़ मारते हुए देखा जा सकता है। वहीं मौके पर मौजूद एक अन्य पुलिसकर्मी लोगों और चौकी इंचार्ज को अलग करने की कोशिश करता दिख रहा है।
“आस्था को पहुंची ठेस” वहीं, समिति के सदस्यों का कहना है कि दुर्गा प्रतिमा का पंडाल 18 साल से बिना किसी विवाद के वहीं लगाया जा रहा है। समिति के सदस्य अमरनाथ ने कहा कि “लक्ष्मी पूजा, गणेश पूजा और दुर्गा पूजा पर हमेशा यहीं पंडाल लगता है। इस बार भी प्रतिमा वहीं बैठाई जानी थी, लेकिन चौकी इंचार्ज ने कपड़ा फाड़ दिया, अध्यक्ष को थप्पड़ मार दिया और कहा कि एक हफ्ते से पंडाल लगाकर आतंक मचाए हुए हो।” वहीं घटना से आक्रोशित समिति के लोगों ने चौकी इंचार्ज पर आस्था को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए मांग की है कि वह सार्वजनिक रूप से माफी मांगें और उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाए।