अजब यूनिवर्सिटी का गजब कारनामा…फर्स्ट इयर पढ़ाकर रद्द कर दी दो सब्जेक्ट की मान्यता,
सेकेंड ईयर में एडमिशन से वंचित छात्र
5 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
गाजीपुर जिले के गहमर स्थित राम रहीम पीजी कॉलेज में सोमवार को छात्रों ने जमकर हंगामा किया और गेट पर ताला जड़कर कॉलेज स्टाफ व शिक्षकों को बाहर निकाल दिया। "सैनिकों का गांव" कहे जाने वाले गहमर में यह मामला छात्रों के भविष्य से सीधे जुड़ा है। कॉलेज में पढ़ाई कर रहे पॉलिटिकल साइंस और होम साइंस के छात्र-छात्राओं ने आरोप लगाया है कि एक साल पढ़ाई करने के बाद अब उन्हें सेकंड ईयर में एडमिशन से वंचित किया जा रहा है।
एक साल की मेहनत पर संकट
गहमर और आसपास के गांवों के छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए वर्षों पहले स्थापित राम रहीम पीजी कॉलेज में पिछले साल पॉलिटिकल साइंस और होम साइंस में एडमिशन दिया गया था। पूरे साल छात्रों ने इन विषयों की पढ़ाई की, हालांकि शिक्षकों की कमी के चलते उन्हें कई कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ा। लेकिन इस बार जब छात्र-छात्राएं सेकंड ईयर का एडमिशन कराने कॉलेज पहुंचे, तो कॉलेज प्रशासन ने साफ कह दिया कि अब इन दोनों विषयों में दाखिला नहीं होगा। प्रशासन का कहना है कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय की ओर से इन विषयों की मान्यता रद्द कर दी गई है। इसके पीछे कॉलेज की ओर से शिक्षकों की कमी को भी एक कारण बताया गया।
प्रशासन की चुप्पी से भड़के छात्र
छात्रों का कहना है कि कॉलेज की लापरवाही के कारण उनकी एक साल की मेहनत बेकार हो रही है। यदि पहले ही यह जानकारी दी जाती कि पॉलिटिकल साइंस और होम साइंस की मान्यता समाप्त हो चुकी है, तो वे अपना एडमिशन कहीं और करा लेते। कॉलेज प्रशासन की इस उदासीनता से नाराज होकर छात्र-छात्राओं ने सोमवार को बड़ा कदम उठाते हुए कॉलेज स्टाफ और शिक्षकों को परिसर से बाहर कर दिया और मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। धरना-प्रदर्शन की सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन कॉलेज प्रबंधन से कोई स्पष्ट जवाब न मिलने के कारण छात्र-छात्राएं देर शाम तक कॉलेज परिसर में धरने पर बैठे रहे।
प्रिंसिपल ने टाल दी बात
इस पूरे मामले पर जब कॉलेज के प्राचार्य डॉ. देव कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में रजिस्ट्रार और सचिव को पत्र भेजा गया है। मान्यता रद्द होने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले साल कॉलेज में एडमिशन पूर्वांचल विश्वविद्यालय की ओर से कराए गए थे, जबकि इस साल दाखिले की प्रक्रिया शासन के अधीन है। लेकिन छात्रों के भविष्य से जुड़े सवालों पर प्राचार्य ने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया।
अधर में अटका छात्रों का भविष्य
गहमर के छात्रों के सामने अब सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे सेकंड ईयर में अपना एडमिशन कहां कराएं। फर्स्ट ईयर की पढ़ाई पीजी कॉलेज में करने के बावजूद अब उन्हें दूसरे कॉलेज में दाखिले के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। कॉलेज प्रशासन की चुप्पी और स्पष्ट नीति की कमी ने छात्रों की चिंताएं और बढ़ा दी हैं।