उन्नाव में जंगल का काला कारोबार, एसटीएफ के हत्थे चढ़ीं पंखों वाली तस्करनियां,
बरामद हुए तोते, तीतर, मुनिया और ‘सिल्वर ह्वील, तस्कर गिरफ्तार
7 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
अगर आपको लगता है कि तस्करी सिर्फ सोने-चांदी, ड्रग्स और हथियारों की होती है, तो ज़रा संभल जाइए! यूपी एसटीएफ ने उन्नाव में ऐसी तस्करी का पर्दाफाश किया है, जिसके बारे में सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। यहां बात हो रही है तोतों, तीतरों और मुनिया की अवैध तस्करी की, और इसके पीछे जो कहानी है, वह किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं। तो आइए जानते हैं इस गैंग और तस्करी से जुड़े तार के बारे में…
तालीब सराय में ‘पंखों का काला कारोबार’
दरअसल 31 अगस्त 2025 की सुबह, उन्नाव के तालीब सराय मोहल्ले में जब एसटीएफ ने दबिश दी, तो लोगों को लगा कि शायद कोई ड्रग्स या हथियार का जखीरा मिला होगा। लेकिन जब पुलिस के हाथों में पिंजरे और पंख दिखे, तो पूरा इलाका दंग रह गया। एसटीएफ ने यहां से दो महिला तस्करनियां- राफिया और गुरनाज बानो को रंगे हाथों पकड़ लिया। इन दोनों के घर से जो बरामदगी हुई, उसे देखकर वन विभाग के अफसर भी हैरान थे।
बरामदगी की ‘पंखों वाली लिस्ट’
छापेमारी में जो मिला, वह किसी चिड़ियाघर की ‘गायब’ रिपोर्ट जैसा लग रहा था। जिसने 85 मृत तीतर, 64 प्लम-हेडेड पैरेट, 15 रेड मुनिया, 08 रिंग-नेक पैरेट, 10 ट्राई-कलर मुनिया, 05 जीवित तीतर, 05 सिल्वर ह्वील, 01 अलेक्जेंड्राइन पैरेट और 01 लेसर व्हीसलिंग टील, यानि, एक घर में ‘मिनी-जंगल’ कैद करके रखा गया था, वो भी अवैध कारोबार के लिए!
बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश से जुड़े तार
गिरफ्तार महिला राफिया ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया। उसने बताया कि इस गिरोह का सरगना उसका पति है, जो दूर-दराज से वन्य जीवों को इकट्ठा करता था। ये लोग बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश तक इन पंखों वाले ‘क़ैदियों’ को बेचते थे। सबसे चौंकाने वाली बात यह निकली कि पहाड़ी तीतर के मांस की काले बाजार में जबरदस्त मांग थी, और यह गिरोह इसे भी ऊंचे दामों पर बेचता था।
एसटीएफ की ‘ऑपरेशन पंख’ में बड़ी सफलता
बरामद किए गए लाल मुनिया, तोते और कई अन्य प्रजातियां वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत पूरी तरह संरक्षित और प्रतिबंधित हैं। इस मामले में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धाराएं 11, 39, 42(ए), 48(ए), 48(बी), 49, 50 और 51 के तहत रेंज केस नंबर 14/2025-26 दर्ज किया गया है। अब आगे की कार्रवाई वन प्रभाग रेंज, उन्नाव द्वारा की जाएगी।
‘तालीब सराय’ से सीधा ‘सलाखों’ तक सफर
एसटीएफ की यह कार्रवाई अवैध वन्य जीव तस्करी पर बड़ा झटका मानी जा रही है। जहां एक तरफ सरकार ‘बायोडायवर्सिटी बचाओ’ के नारे दे रही है, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग तोते और तीतरों की तस्करी में ‘काला कारोबार’ चमका रहे थे। अब राफिया और गुरनाज बानो सलाखों के पीछे हैं, और इनके ‘पंखों वाले कस्टमर’ भी रडार पर हैं।