जातिसूचक महिमा मंडन पर अब लगेगी रोक, सोशल मीडिया और वाहनों पर ब्राम्हण-क्षत्रिय लिखने वालों पर होगी कार्रवाई,
हाईकोर्ट ने जारी किया आदेश
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के जसवंतनगर थाना क्षेत्र में 29 अप्रैल 2023 को पकड़े गए स्कॉर्पियो शराब तस्करी मामले में पुलिस दस्तावेज़ में अभियुक्तों की जाति दर्ज की गई थी। मेमो में अभियुक्तों की जातियों को माली, पहाड़ी राजपूत, ठाकुर, पंजाबी पाराशर और ब्राह्मण के रूप में लिखा गया था। इस प्रथा ने संवैधानिक नैतिकता पर सवाल उठाए और हाईकोर्ट ने इसे तुरंत समाप्त करने का आदेश दिया।
स्कॉर्पियो शराब तस्करी मामला दरअसल पुलिस ने प्रवीण छेत्री और उसके साथियों के वाहन से 106 बोतल व्हिस्की बरामद की थी, जो हरियाणा से बिहार भेजी जा रही थी। वाहन की नंबर प्लेट फर्जी पाई गई। इसके बाद एक और गाड़ी को रोका गया, जिसमें से 254 बोतलें बरामद हुईं। पुलिस ने आरोपियों की जाति भी दस्तावेज़ों में दर्ज की, जो अदालत में संवैधानिक दृष्टि से चुनौती बन गई।
हाईकोर्ट में याचिका और आदेश दरअसल आरोपी प्रवीण छेत्री ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आपराधिक कार्रवाई रद्द करने की याचिका दाखिल की। याचिका खारिज होने के बाद कोर्ट ने पुलिस दस्तावेज़ों में जाति दर्ज करने की प्रथा पर तत्काल रोक लगा दी। न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने कहा कि पहचान के लिए आधुनिक साधन जैसे आधार कार्ड, फिंगरप्रिंट और मोबाइल कैमरा मौजूद हैं, ऐसे में जाति दर्ज करना कानूनी भ्रांति है।
पुलिस दस्तावेज़ों में बदलाव के निर्देश हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि थानों, कोर्ट मेमो और पुलिस फाइनल रिपोर्ट सहित सभी दस्तावेजों से जाति या उपजाति से संबंधित कॉलम हटा दिए जाएं। पिता/पति के साथ मां का नाम जोड़कर पहचान सुनिश्चित की जाए। थानों में नोटिस बोर्ड पर जाति का कॉलम हटाने और जाति आधारित साइनबोर्ड या नारों पर रोक लगाने के निर्देश भी दिए गए।
केंद्रीय और राज्य मंत्रालयों को निर्देश अदालत ने केंद्र और राज्य के मंत्रालयों को भी आदेश भेजा कि केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन कर जाति आधारित पहचान पर रोक लगाई जाए। इंटरनेट मीडिया पर जातिगत महिमामंडन और घृणा फैलाने वाली सामग्री के खिलाफ आईटी नियम सख्त किए जाएं और नागरिकों के लिए निगरानी तंत्र स्थापित किया जाए।
अनुपालन और निगरानी वहीं आदेश की एक कॉपी उत्तर प्रदेश मुख्य सचिव को भेजी जाएगी, जो मुख्यमंत्री को जानकारी के लिए प्रस्तुत करेंगे। अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी को आदेश का तुरंत अनुपालन करना होगा। इसके अलावा, केंद्रीय गृह सचिव, परिवहन मंत्रालय, आईटी मंत्रालय और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को भी आदेश की जानकारी दी जाएगी।