ANI संपादक स्मिता प्रकाश के खिलाफ परिवाद दर्ज,
पूर्व IPS ने लगाए गंभीर आरोप
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश की लखनऊ स्थित एक अदालत ने समाचार एजेंसी एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की है। इस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि एएनआई ने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के नाम से झूठी खबरें प्रकाशित की हैं।
शिकायतकर्ता और शिकायत दरअसल यह शिकायत पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर द्वारा दाखिल की गई थी। अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि शिकायत प्रक्रियात्मक रूप से उचित है और इसे शिकायत के रूप में दर्ज किया जाना चाहिए। अदालत ने कहा, "शिकायत और लिखित प्रस्तुतियों को सुना और पढ़ा गया। इस स्तर पर क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र या आधारों के गुण-दोष में जाए बिना शिकायत प्रक्रियात्मक रूप से सही पाई गई। अध्याय XV बीएनएसएस के प्रावधानों के मद्देनजर, शिकायत को शिकायत मामले के रूप में पंजीकृत किया जाना चाहिए।"
अदालत का निर्देश अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि शिकायतकर्ता 26.09.2025 को शपथ के तहत अपना बयान दर्ज करने के लिए उपस्थित हों। यहां अमिताभ ठाकुर ने आरोप लगाया है कि, एएनआई ने बार-बार चुनाव आयोग के हवाले से ऐसे बयान दिए, जो न तो आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित हुए और न ही उसके सत्यापित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए। उन्होंने तर्क दिया कि यह बिना किसी आधिकारिक समर्थन के झूठी खबरें प्रसारित करने के समान है।
उदाहरण और घटनाओं पर आधारित शिकायत गौरतलब हो कि इस शिकायत में अगस्त 2025 के कई उदाहरण दिए गए हैं। इनमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एएनआई के पोस्ट और चुनाव आयोग से पहले या बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के प्रकाशित समाचार शामिल हैं। विशेष रूप से 1 अगस्त 2025 को दोपहर 3:08 बजे एएनआई के एक पोस्ट का हवाला दिया गया, जिसमें कथित तौर पर चुनाव आयोग का बयान था। बाद में आयोग ने अपना आधिकारिक स्पष्टीकरण शाम 5:59 बजे हिंदी और 6:55 बजे अंग्रेजी में जारी किया।
बिना आधिकारिक सबूत के ख़बरें शिकायत में यह भी कहा गया कि एएनआई ने बिना किसी आधिकारिक तथ्य या सबूत के कई खबरें आयोग का बताकर प्रसारित कीं। शिकायत याचिका में आगे कहा गया कि इस तरह के कृत्य अवैध और आपराधिक हैं, विशेष रूप से बीएनएस की धारा 318(2) और 318(3) के तहत। यहां ठाकुर ने अदालत को बताया कि पुलिस से एफआईआर दर्ज कराने की संभावना थी, लेकिन उन्हें विश्वास था कि पुलिस विभिन्न कारकों से प्रभावित हो सकती है। इसलिए उन्होंने सीधे अदालत में शिकायत दर्ज कराना उचित समझा। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि स्मिता प्रकाश के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाए।