अयोध्या मेडिकल कालेज में 8.39 करोड़ की हेरफेर, छुट्टी पर गए प्रिंसिपल ने चहेती कंपनियों को बांटा काम,
कर दिया करोड़ों का भुगतान
11 days ago
Written By: State Desk
लखनऊ। अयोध्या मेडिकल कॉलेज से हटाए गए डॉ ज्ञानेंद्र कुमार के कारनामों के बारे में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। चलते-चलते करोड़ों कमाने की भूख में उन्होंने 15 दिन का अवकाश लेकर, फिर अपने ही कार्यालय में लगातार बैठकर करोड़ों के टंडर कराए और अपनी हिस्सेदारी बटोर लिया। शासन ने डॉ ज्ञानेंद्र को हटाने के लिए जैसे ही आदेश जारी किया वैसे ही उन्होंने 15 दिन का अवकाश ले लिया। इस बीच भी उनका खेल जारी रहा।
हटने की सूचना मिलते ही ले लिया 15 दिनों का अवकाश
दरअसल तीन जनवरी की शाम को ही अयोध्या मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ ज्ञानेंद्र कुमार को पता चल चुका था कि उन्हें पद से हटाया जा रहा है। ऐसे में आगामी 15 दिनों तक उनके हाथों तक आदेश पत्र प्राप्त न हो, इसके लिए उन्होंने जानबूझकर 15 दिनों यानी 19 जनवरी तक का अवकाश ले लिया। अब अवकाश के दौरान वह कार्यालय में हैं नहीं इसलिए शासन के आदेश का कोई मतलब नहीं था। हटेंगे तब जब उन्हें आदेश प्राप्त होगा। लेकिन अवकाश के दौरान भी वह आफिस आते रहे और जेम के द्वारा चहेती कंपनियों का काम देकर भुगतान करते रहे।
इन कंपनियों को दिए गए काम
अयोध्या मेडिकल कालेज के अवर्तमान प्रिंसिपल सत्यजीत वर्मा के मुताबिक इस दौरान जिन कंपनियों को काम दिए गए है और भुगतान किये गए है उनकी डिटेल भी शासन को उपलब्ध करवाई गई है, जी कंपनियों को पूर्व प्राचार्य डॉ ज्ञानेंद्र कुमार द्वारा काम दिए गए हैं, उनमें बस्ती की परफेक्ट इंटरप्राइजेज, अयोध्या की क्योर फार्मा, गोरखपुर की मे० रौनियार्स मेडीकेयर एंड सर्जिकल, अयोध्या की शक्ति इंटरप्राइजेज, बाराबंकी की काका एजेंसी, अयोध्या की डिवाइन इंटरप्राइजेज ,अयोध्या की भूमि साइंटिफिक हाउस शामिल हैं। इन कंपनियों को तकरीबन 8 करोड़ के काम दिए गए। सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि सारे काम 11 जनवरी 2025 को यानि एक ही दिन दिए गए।
छुट्टी के दौरान चेक पर हस्ताक्षर करवाकर भुगतान करा दिया
पूर्व प्राचार्य डॉ ज्ञानेंद्र कुमार ने सात जनवरी को ही कार्यालय में बैठकर दो करोड़ 34 लाख के चार जेम कांट्रैक्ट कराए। 10 जनवरी को कार्यालय में ही बैठकर छह करोड़ 50 लाख के 16 जेम कांट्रेक्ट जारी कराए। इस तरह डॉ ज्ञानेंद्र ने इन्हीं 15 दिनों में आठ करोड़ 39 लाख कीमत के टेंडर जारी करा दिए। 10 जनवरी को छुट्टी में रहने के दौरान डॉ ज्ञानेंद्र कुमार ने 17 चेकों पर हस्ताक्षर करते हुए एक करोड़ 28 लाख 90 हजार का कार्यालय में बैठकर ही भुगतान करा दिया।

वित्तीय अपराध का मामला: डॉ सत्यजीत वर्मा
इस बारे में हमने राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य चिकित्सालय महाविद्यालय अयोध्या के प्राचार्य डॉ सत्यजीत वर्मा से बात की, उनका कहना था कि अवकाश में रहते हुए तत्कालीन प्रधानाचार्य डॉ ज्ञानेंद्र कुमार को न तो जेम कांट्रैक्ट की नोटशीट पर और न ही चेकों पर हस्ताक्षर करने का अधिकार था। इस कृत्य से उनके खिलाफ वित्तीय व आपराधिक कार्यों को धारित करने का मामला बनता है, शासन से इसकी शिकायत की गई है।
अवकाश के बाद भी ऑफिस आते थे: वित्त नियंत्रक
हमने इस पूरे माजरे को समझने के लिए अयोध्या मेडिकल कालेज के वित्त नियंत्रक सुधीर गंगवार से भी बात की। उन्होंने कहा "हम लोगों को यह पता नहीं था कि पूर्व प्राचार्य डॉ ज्ञानेंद्र कुमार अवकाश पर गए हैं या फिर शासन में संबद्ध किए जा चुके हैं। वह अवकाश के दिनों में भी लगातार कार्यालय आते थे और काम करते थे। एसी स्थिति में हम लोग भुगतान संबंधी उनके आदेशों का पालन करते रहे।