पुलिस की पिटाई से दिव्यांग भाजपा कार्यकर्ता की मौत..!
धरना दे रहे लोगों पर लाठियां बरसाने का आरोप , वीडियो वायरल
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के नोनहरा थाने से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जहां पुलिस की कथित पिटाई से घायल हुए बीजेपी कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि 9 सितंबर को थाने परिसर में विभिन्न मांगों को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं का धरना चल रहा था। इसी दौरान पुलिस ने आधी रात को लाठीचार्ज कर दिया। आरोप है कि थाने की लाइट बंद कर प्रदर्शनकारियों की बेरहमी से पिटाई की गई थी।
लाठीचार्ज का वीडियो हुआ वायरल
मिली जानकारी के मुताबिक, गत 9 सितंबर को थाने परिसर में विभिन्न मांगों को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं का धरना चल रहा था। इसी दौरान पुलिस ने आधी रात को लाठीचार्ज कर दिया। वहीं इस लाठीचार्ज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस दौरान कई कार्यकर्ता घायल हुए थे। इन्हीं में दिव्यांग कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय भी शामिल थे, जो पिटाई से गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
मौत से भड़का गुस्सा
वहीं घायल सियाराम का इलाज उनके घर पर ही चल रहा था, जिस दौरान आज सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया है। वहीं उनकी मौत की खबर मिलते ही गाजीपुर के रुकन्दीपुर गांव में कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। गांव में गुस्से का माहौल है और लोग दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि दिव्यांग होने की वजह से सियाराम भाग नहीं पाए और पुलिस ने उन्हें जमीन पर गिराकर बेरहमी से पीटा गया।
पुलिस की सफाई पर उठे सवाल
वहीं, गाजीपुर एसपी ईरज राजा ने मामले में अलग ही सफाई दी है। उन्होंने कहा कि यह घटना दो पक्षों के आपसी विवाद से जुड़ी है। पुलिस के मुताबिक, थाने में बैठे लोगों के दौरान अचानक लाइट चली गई, जिससे अफरातफरी मच गई और लोग चले गए। हालांकि, मृतक के परिजन और बीजेपी कार्यकर्ता इसे पुलिस की क्रूरता बता रहे हैं।
इंसाफ की मांग
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने साफ कहा है कि अगर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। परिजनों का कहना है कि उन्होंने इंसाफ की गुहार लगाई है और जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलेगी, वे शांत नहीं बैठेंगे। वहीं गाजीपुर में यह मामला अब सियासी रंग भी पकड़ता दिख रहा है और सवाल यह है कि क्या पुलिस सचमुच अपनी सीमा लांघ गई या फिर यह मामला किसी और सच्चाई को छुपा रहा है।
इनपुट - अजय सागर (गाजीपुर)