शुगर और हार्ट के मरीजों को परोसी गई नकली दवाएं, 12 राज्यों तक फैला नेटवर्क,
पढ़ें आगरा के दवा माफियाओं का काला खेल
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के आगरा में औषधि विभाग और एसटीएफ ने पिछले महीने 22 अगस्त को नकली दवा के धंधे का बड़ा खुलासा किया था। इस कार्रवाई में हे मां मेडिको और बंसल मेडिकल एजेंसी से भारी मात्रा में नकली दवाएं बरामद हुईं। अब दवा कंपनियों सन फार्मा और सनोफी इंडिया की रिपोर्ट आ गई है, जिसने साफ कर दिया है कि बरामद दवाएं नकली हैं।
मरीजों को बेची गईं नकली दवाएं
सन फार्मा ने पुष्टि की है कि हे मां मेडिको से बरामद रोसुवास टैबलेट असली नहीं हैं। वहीं, सनोफी इंडिया ने भी साफ कहा कि बंसल मेडिकल एजेंसी से बरामद एमारिल टैबलेट उनकी कंपनी की नहीं है। इसका मतलब है कि दिल और डायबिटीज के मरीजों को लंबे समय से नकली दवाएं बेची जा रही थीं।
रिश्वतखोरी और गिरफ्तारी
जांच में सामने आया कि हे मां मेडिको के संचालक हिमांशु अग्रवाल ने कार्रवाई से बचने के लिए एक करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की थी। फिलहाल वह जेल में है। इसी तरह बंसल मेडिकल एजेंसी के मालिक संजय बंसल और परिवार के दो अन्य सदस्य भी गिरफ्तार होकर जेल भेजे जा चुके हैं।
12 राज्यों तक पहुंचा नेटवर्क
जांच एजेंसियों को शक है कि ये नकली दवाएं पुडुचेरी की मीनाक्षी फार्मा और श्री अमान फार्मा की अवैध फैक्ट्रियों में बनाई गई थीं। यही नहीं, इन दवाओं की सप्लाई आगरा के कारोबारियों के जरिए 12 राज्यों तक होती थी। हाल ही में सीडीएससीओ और पुडुचेरी औषधि विभाग ने छापेमारी भी की।
चौंकाने वाले खुलासे
खुलासा हुआ है कि हे मां मेडिको से रोसुवास 20 और 40एमजी की 14 सैंपल जांच में नकली निकली। बंसल मेडिकल एजेंसी से जब्त एमारिल टैबलेट भी नकली साबित हुई। 78 लाख रुपये कीमत की एलेग्रा 120 टैबलेट भी मिली, जिन पर एक ही बैच नंबर और निर्माण तिथि पाई गई। सनोफी इंडिया ने बताया कि उसने इस बैच की दवा उत्तर प्रदेश में बेची ही नहीं।
दवा माफिया का खेल
बंसल मेडिकल एजेंसी पर आरोप है कि उसने एक असली दवा का सिर्फ एक बॉक्स खरीदा और उसके दस्तावेज के आधार पर हजारों नकली बॉक्स मार्केट में उतार दिए। यानी हजारों मरीजों ने नकली दवाएं खाईं, जिससे उनकी सेहत पर गंभीर असर पड़ा।