पहले लूट फिर काट देता था गला…
STF मुठभेड़ में मारा गया एक लाख का इनामिया शंकर कन्नोजिया
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़-मऊ बॉर्डर पर शनिवार तड़के पुलिस और एसटीएफ (STF) की संयुक्त कार्रवाई में कुख्यात अपराधी शंकर कन्नौजिया मारा गया। हत्या, अपहरण और लूट जैसे संगीन मामलों में वांटेड शंकर पिछले 14 सालों से पुलिस की पकड़ से दूर था। वाराणसी जोन के एडीजी ने उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। दरअसल शंकर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वो लूट की वारदात के बाद गला काट कर हत्या कर दिया करता था।
तड़के 4:30 बजे शुरू हुई कार्रवाई
दरअसल शनिवार की सुबह लगभग 4:30 बजे STF को गुप्त सूचना मिली कि आजमगढ़-मऊ बॉर्डर से होकर एक बड़ा अपराधी गुजरने वाला है। सूचना मिलते ही STF और पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की टीम सक्रिय हो गई और इलाके में सघन चेकिंग शुरू कर दी। चेकिंग के दौरान एक बाइक पर दो संदिग्ध नजर आए। टीम ने उन्हें रुकने का इशारा किया, लेकिन बाइक सवार बदमाशों ने अचानक कार्बाइन से फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में STF ने भी गोलियां चलाईं। गोलीबारी में एक बदमाश घायल होकर गिर पड़ा, जबकि दूसरा मौके से फरार हो गया। घायल अपराधी को तत्काल मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसकी पहचान शंकर कन्नौजिया पुत्र लालचंद निवासी हाजीपुर, थाना रौनापार, आजमगढ़ के रूप में हुई।
2011 में रखी अपराध की दुनिया में पहली कदम
शंकर कन्नौजिया का अपराध जगत से नाता 2011 में जुड़ा। उस वर्ष उसने मऊ जिले के दोहरीघाट इलाके में गाड़ी बुक कराने के बहाने विंध्याचल पांडे नामक युवक की गला काटकर हत्या कर दी थी। इस वारदात के बाद से ही वह पुलिस की नजरों में आ गया, लेकिन हर बार गिरफ्त से बच निकलने में सफल रहा।
मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने 9 एमएम की कार्बाइन, पिस्टल, खुखरी और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए। पुलिस ने शंकर के भाई को बुलाकर शव की शिनाख्त कराई और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
14 साल से फरार और कई वारदातों में शामिल
जुलाई 2024 में शंकर ने अपने दो साथियों के साथ आजमगढ़ के महाराजगंज क्षेत्र से पिकअप ड्राइवर शैलेंद्र सिंह का अपहरण किया और उसका सिर धड़ से अलग कर हत्या कर दी। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी। पुलिस ने उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया, लेकिन शंकर फिर से फरार हो गया। उसके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, धमकी और आर्म्स एक्ट के कुल 9 मुकदमे दर्ज थे। इनमें से तीन मामले आजमगढ़ के रौनापार और जीयनपुर थानों में जबकि छह मुकदमे मऊ जिले के दोहरीघाट थाने में दर्ज थे।
खौफ का दूसरा नाम बन चुका था शंकर
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, शंकर बेहद क्रूर अपराधी था। वह हत्या के बाद शव की पहचान छिपाने के लिए लाश का सिर काटकर अलग कर देता था। यही वजह थी कि वह इलाके में खौफ का पर्याय बन गया था। गांव के लोग बताते हैं कि शंकर शुरू से ही हिंसक स्वभाव का था। उसके मां-बाप का पहले ही निधन हो चुका था। अविवाहित शंकर के घर में उसका भाई, भाभी और उनके बच्चे रहते हैं। लंबे समय से फरार रहने के बावजूद उसके खौफ की दहशत आज भी इलाके के लोगों के बीच कायम थी।