अगर दो बार काटा…तो कुत्ते को होगी उम्रकैद...
यूपी के इस जिले में लागू हुआ नियम
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
प्रयागराज में लगातार बढ़ रहे डॉग बाइट्स के मामलों ने प्रशासन को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। शासन की ओर से जारी नए आदेश के तहत अब किसी इंसान को पहली बार काटने वाले कुत्ते को 10 दिन तक एबीसी सेंटर (एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर) में रखा जाएगा। इस दौरान उसका स्वास्थ्य परीक्षण होगा और उसके शरीर में माइक्रोचिप लगाकर उसे छोड़ दिया जाएगा। लेकिन अगर वही कुत्ता दूसरी बार किसी इंसान को काटता है, तो उसे आज़ादी नहीं मिलेगी। ऐसी स्थिति में जांच के बाद उसे जीवनभर के लिए एबीसी सेंटर के शेल्टर हाउस में बंद कर दिया जाएगा यानी कुत्ते को उम्रकैद की सजा मिलेगी।
जांच समिति करेगी फैसला नगर निगम के पशुधन अधिकारी विजय अमृत राज के मुताबिक, हर डॉग बाइट केस की जांच तीन सदस्यीय समिति करेगी जिसमें पशुपालन अधिकारी, स्थानीय निकाय का प्रतिनिधि और एसपीसीए का सदस्य शामिल होंगे। समिति यह भी जांचेगी कि कहीं कुत्ते को उकसाकर हमला तो नहीं कराया गया। पुख्ता सबूत मिलने पर ही सजा दी जाएगी।
डॉग बाइट्स की बढ़ती घटनाएं प्रयागराज में स्ट्रीट डॉग्स की संख्या 1 लाख 15 हजार से अधिक हो चुकी है। हर महीने 4,000 से ज्यादा डॉग बाइट के केस दर्ज हो रहे हैं। इसके अलावा सैकड़ों सड़क हादसों के पीछे भी स्ट्रीट डॉग्स जिम्मेदार हैं। हाल ही में बैंक मैनेजर की मौत तब हो गई जब बाइक पर जा रहे समय उन्हें कुत्ते ने दौड़ा लिया और वे कूड़ा गाड़ी के नीचे आ गए।
वैक्सिनेशन और नसबंदी पर जोर शहर में डॉग पॉप्युलेशन कंट्रोल के लिए एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर बनाए गए हैं। शम्स नगर में बने पहले सेंटर पर 1.8 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जहां नसबंदी और वैक्सिनेशन किया जा रहा है। दूसरा बड़ा सेंटर 4 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है। यहां एक दर्जन से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी रोजाना दर्जनों कुत्तों का वैक्सिनेशन कर रहे हैं।
पेट्स की लाइसेंसिंग भी शुरू नगर निगम ने पालतू कुत्तों और बिल्लियों की पहचान और नियंत्रण के लिए रजिस्ट्रेशन अभियान भी शुरू किया है।
पालतू डॉग का रजिस्ट्रेशन शुल्क: ₹1000
लाइसेंस रिन्यूअल: ₹800
पालतू बिल्ली का लाइसेंस शुल्क: ₹400
नगर निगम का कहना है कि पेट लवर्स के लिए डॉग पार्क जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं, लेकिन लोग अब तक सक्रियता नहीं दिखा रहे।