कासगंज में भंडारे का बचा प्रसाद बना जहर, 300 से अधिक लोग बीमार,
गांव में मचा हाहाकार
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के कायमपुर गांव में भंडारे का बचा हुआ प्रसाद खाने से मंगलवार को 300 से ज्यादा लोग फूड प्वाइजनिंग की चपेट में आ गए। अचानक एक ही गांव में इतने लोगों की तबीयत बिगड़ने से हड़कंप मच गया। जगह-जगह मरीजों की भीड़ लग गई और गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम मंगलवार सुबह से ही गांव में डेरा डाले हुए है और मरीजों का इलाज जारी है।
भंडारे के बचा प्रसाद बना बीमारी की वजह
ग्रामीणों के मुताबिक, गांव के हनुमान मंदिर में कथा का आयोजन हुआ था। कथा के समापन पर रविवार की शाम भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने प्रसाद ग्रहण किया। भंडारे के बाद बचा हुआ प्रसाद सोमवार की दोपहर फिर से गांववालों में बांटा गया। बताया जा रहा है कि इसी बचे हुए प्रसाद को खाने के बाद गांव के कई लोगों को उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत होने लगी।
रात में बिगड़ी तबीयत, अस्पतालों में भीड़
बताया जा रहा है कि सोमवार शाम तक कुछ लोगों की तबीयत खराब हुई, लेकिन रात होते-होते हालात बिगड़ गए। अचानक बड़ी संख्या में ग्रामीणों को सीएचसी गंजडुंडवारा, पीएचसी सिढ़पुरा और जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। कई मरीजों की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें निजी अस्पतालों में भी रेफर किया गया। एंबुलेंस लगातार गांव और अस्पतालों के बीच चक्कर लगा रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने डाला डेरा, खाने का नमूने लिये
फूड प्वाइजनिंग की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम मंगलवार सुबह कायमपुर गांव पहुंची और अस्थायी शिविर बनाकर मरीजों का इलाज शुरू कर दिया। जिनकी हालत ज्यादा खराब थी, उन्हें तत्काल एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम भी गांव पहुंची और भंडारे में बने प्रसाद और बचे हुए खाने के नमूने जांच के लिए लिए हैं।
गांव में हर घर में मरीज
गांव की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। ग्रामीणों के मुताबिक, कायमपुर के ज्यादातर घरों में कोई न कोई बीमार है। कई मरीजों का इलाज गांव में ही चारपाइयों पर लिटाकर किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल टीमें गांव में तैनात हैं।
फिलहाल खतरे से बाहर हैं सभी मरीज
कासगंज सीएमओ के मुताबिक, फिलहाल ज्यादातर मरीजों की हालत स्थिर है और कोई गंभीर खतरा नहीं है। हालांकि, गांव में स्वास्थ्य टीमों की तैनाती अगले 48 घंटे तक जारी रहेगी। साथ ही, खाद्य सुरक्षा विभाग की रिपोर्ट आने के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि प्रसाद में क्या गड़बड़ी हुई थी।