मैं अपने बच्चों के साथ आत्महत्या कर रहा हूं…सभी को आखिरी प्रणाम…सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर मरने जा रहा था परिवार…
महज 10 मिनट में देवदूत बनकर पहुंची यूपी पुलिस
1 months ago Written By: विनय के. सिंह
नोएडा से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने न केवल सोशल मीडिया की ताकत को दिखाया बल्कि उत्तर प्रदेश पुलिस की त्वरित कार्यवाही की मिसाल भी पेश की है। दरअसल शुक्रवार की शाम को गौतमबुद्धनगर जिले के सूरजपुर थाना क्षेत्र निवासी लगभग 50 वर्षीय एक चिकित्सक ने फेसबुक पर अपनी और अपने दो बच्चों की फोटो के साथ पोस्ट किया, “मैं अपने बच्चों के साथ आत्महत्या कर रहा हूँ… सभी को आखिरी प्रणाम।” जिसके बाद देवदूत बनाकर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने उनकी जान बचा ली।
सोशल मीडिया सेंटर से ग्राउंड तक मिली जानकारी के मुताबिक, यह पोस्ट रात 8:18 बजे पुलिस महानिदेशक मुख्यालय, लखनऊ स्थित सोशल मीडिया सेंटर को ट्वीट के माध्यम से प्राप्त हुई। तुरंत ही पुलिस महानिदेशक श्री राजीव कृष्ण ने इस पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। जिसके बाद मुख्यालय की टीम ने चिकित्सक के फेसबुक अकाउंट और पोस्ट पर आए कमेंट्स की बारीकी से जांच की। एक पोस्ट में नोएडा का पता मिलने पर तुरंत गौतमबुद्धनगर पुलिस को अलर्ट किया गया। महज 10 मिनट के भीतर सूरजपुर थाना पुलिस की टीम उपनिरीक्षक के नेतृत्व में मौके पर पहुंच गई।
मौत के लिए तैयार रस्सी, लेकिन पुलिस बनी जीवनदूत पुलिस टीम ने देखा कि चिकित्सक फांसी लगाने की तैयारी में था और रस्सी पहले से मौजूद थी। पुलिसकर्मियों ने तुरंत उसे आत्मघाती कदम उठाने से रोक लिया। काउंसलिंग के दौरान पता चला कि चिकित्सक का अपनी पत्नी से विवाद चल रहा था। पत्नी मायके चली गई थी और दोनों बच्चों को पति के घर पर ही छोड़ दिया था। इसी कारण चिकित्सक अवसाद में शराब का सेवन कर आत्महत्या करने का प्रयास कर रहा था।
परिवार ने जताया आभार स्थानीय पुलिस ने न केवल उसकी जान बचाई बल्कि धैर्यपूर्वक बातचीत करके उसे भविष्य में ऐसी गलती न करने का आश्वासन भी दिलवाया। चिकित्सक के परिजनों ने सूरजपुर थाने की तत्परता और सहयोग के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस का आभार जताया।
सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस की चौकसी उत्तर प्रदेश पुलिस लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 24×7 सक्रिय रहकर अवसादग्रस्त व्यक्तियों और आत्महत्या जैसे गंभीर मामलों में हस्तक्षेप करती रही है। मेटा कंपनी (फेसबुक) से प्राप्त अलर्ट्स और स्वयं की निगरानी व्यवस्था की मदद से पुलिस ने 1 जनवरी 2023 से 10 सितंबर 2025 तक अब तक कुल 1,365 लोगों की जान बचाई है।