दस साल से बिछड़े मां-बेटे को इंस्टाग्राम ने मिलवाया,
मददगार साबित हुई ‘इंफ्लुएंसर कॉप’ की पहल
1 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
सोशल मीडिया को अक्सर नकारात्मक खबरों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है, लेकिन इस बार यही प्लेटफॉर्म किसी की जिंदगी बदलने का जरिया बन गया। उत्तर प्रदेश पुलिस के हेड कांस्टेबल अश्वनी मलिक की एक इंस्टाग्राम पोस्ट ने 77 वर्षीय रसूमा बेगम को उनके लापता बेटे मोहम्मद सलीम से 10 साल बाद मिला दिया। अश्वनी मलिक, जिन्हें लोग “इंफ्लुएंसर कॉप” के नाम से जानते हैं, के इंस्टाग्राम पर 45 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
इंस्टाग्राम वीडियो से हुई पहचान
मिली जानकारी के मुताबिक 3 सितंबर को मुंबई में एक युवक इंस्टाग्राम देख रहा था। तभी उसकी नजर अश्वनी मलिक की एक वीडियो पोस्ट पर पड़ी, जिसमें एक कमजोर और चुपचाप बैठा हुआ शख्स दिखाई दे रहा था। युवक को लगा कि वह उसका लापता चाचा मोहम्मद सलीम हो सकता है। उसने तुरंत देवरिया में अपने परिवार को फोन किया। परिवार ने वीडियो कॉल के जरिए पहचान की पुष्टि की। जब यह खबर 77 वर्षीय रसूमा बेगम तक पहुंची, तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े।
अश्वनी मलिक की सराहनीय पहल
असल कहानी की शुरुआत 23 अगस्त से होती है, जब हेड कांस्टेबल अश्वनी मलिक ड्यूटी से लौट रहे थे। उन्होंने सड़क किनारे मोहम्मद सलीम को अकेला और कमजोर हालत में बैठे देखा। उन्होंने अपने साथी पुलिसकर्मी मोहम्मद सलमान और काशिफ की मदद से सलीम को अपने पुलिस क्वार्टर में ले जाकर खाना खिलाया और उनकी देखभाल की। बाद में अश्वनी मलिक ने उनकी तस्वीरें और वीडियो बनाकर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट कीं। उन्हें अंदाजा नहीं था कि यह पोस्ट उनका पांचवां ऐसा मामला बनेगा, जिसमें उनकी पहल से किसी लापता शख्स की घर वापसी होगी।
10 साल बाद हुआ मां-बेटे का मिलन
वीडियो वायरल होने के बाद अमरोहा एसपी अमित कुमार आनंद ने मोहम्मद सलीम की पहचान की पुष्टि की। इसके बाद 4 सितंबर को उनका परिवार मुरादाबाद पहुंचा, जहां पुलिस की मौजूदगी में रसूमा बेगम और मोहम्मद सलीम का औपचारिक मिलन कराया गया। भावुक रसूमा बेगम ने कहा, “मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि मेरा बेटा वापस आएगा। यह मेरे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं।”
सोशल मीडिया बना उम्मीद की किरण
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अगर सोशल मीडिया का इस्तेमाल सही दिशा में किया जाए, तो यह किसी की जिंदगी बदल सकता है। हेड कांस्टेबल अश्वनी मलिक की पोस्ट की बदौलत अब तक पांच परिवार अपने बिछड़े अपनों से मिल चुके हैं।