जुमा और होली एक ही दिन, शांति बनाए रखने के लिए बदला गया नमाज का समय,
मौलाना ने किया बड़ा ऐलान
1 months ago
Written By: State Desk
रमजान में होली और जुमे की नमाज को लेकर हो रहे विवाद के बाद मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुसार रामपुर में मुस्लिम समाज ने बड़ा फैसला लिया है। भाईचारे और सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए जुमे की नमाज का समय बदल दिया गया है। रामपुर की जामा मस्जिद के सेक्रेटरी मुकर्रम रजा खान ने वीडियो जारी कर इस बदलाव की जानकारी दी। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि होली के दिन रामपुर में जुमे की नमाज़ दोपहर 2:30 बजे अदा की जाएगी, जबकि पहले यह नमाज़ 12:30 बजे होती थी। इस फैसले को साम्प्रदायिक सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है।
सौहार्द के साथ मनाए त्यौहार
इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने शांतिपूर्वक त्यौहार मनाने की अपील की थी। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि रमजान का पाक महीना चल रहा है। साथ ही होली की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। उन्होंने कहा कि रमजान का महीना सब्र की तालीम देता है। अल्लाह ने कुरान शरीफ में फरमाया है कि खुदा सब्र करने वालों के साथ है। हमारे नबी ने हदीस शरीफ में फरमाया है, अच्छा मुसलमान वो है, जिसके हाथ से, पैर से, जुबान से किसी दूसरे को कोई तकलीफ न हो। मैं अपील करता हूं कि मुसलमान इन तमाम चीजों पर अमल करें।
मौलाना ने कहा कि रमजान शरीफ के मुकद्दस महीने को सब्र के साथ गुजारें। साथ ही मौलाना ने पूरे प्रदेश की मस्जिदों के इमामों और मुतवल्लियों से अपील करते हुए कहा कि होली के दिन ऐसे इलाके जहां पर मिली-जुली आबादी है, उन इलाकों की मस्जिदों में जुमे की नमाज का समय 2:30 बजे रख लें। जो मुस्लिम बहुल इलाके हैं, वहां मस्जिदों का समय बदलने की जरूरत नहीं है। हर शहर के इमाम इन बातों पर खासतौर पर ध्यान दें।
'होली के दिन बेवजह रोड पर न घूमें'
उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे होली के दिन बेवजह रोड पर और गलियों में न घूमें। बहुत जरूरी काम होने पर ही घर से निकलें और बहुत एहतियात बरतें। अगर कोई बच्चा या नासमझ व्यक्ति रंग डाल देता है तो उससे उलझने की जरूरत नहीं है, घर जाएं और पानी से रंग को साफ कर लें। इस तरह के रंगों के पानी से कपड़ा नापाक नहीं होता है। हिंदू भाइयों से भी मौलाना ने अपील करते हुए कहा कि किसी भी रोजेदार या हिजाब पहनी हुई महिला पर रंग न डालें, अपने बच्चों को भी इसी तरह समझाएं और रमजान का सम्मान करें।
'एक दूसरे के त्यौहार का सम्मान करें'
मौलाना ने आगे कहा कि आला हजरत ने अपनी किताब में लिखा है कि कानून को किसी भी सूरत में अपने हाथ में न लें। हां, अगर कोई बात हो जाती है तो फौरन उसकी शिकायत अधिकारियों से करें या अपने बड़ों को जानकारी दें। खुद कानून को हाथ में लेकर निर्णय लेने की कोशिश न करें। मौलाना ने सभी देशवासियों से गुजारिश करते हुए कहा कि दोनों सम्प्रदाय के लोग एक-दूसरे के त्यौहार का सम्मान करें, अमन व शांति बनाए रखें। जो शरारती तत्व हिंदू-मुस्लिम भाईचारे को बिगाड़ना चाहते हैं, उनसे होशियार रहें।