गाज़ीपुर लाठीचार्ज में घायल बीजेपी कार्यकर्ता का हुआ अंतिम संस्कार…
SO समेत ग्यारह पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
गाजीपुर के नोनहरा थाने में 9 सितंबर को हुए लाठीचार्ज में घायल हुए दिव्यांग बीजेपी कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय का गुरुवार रात भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया। श्मशान घाट पर शव यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण और बीजेपी नेता मौजूद रहे। अंतिम संस्कार से पहले प्रशासन की निगरानी में वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ पोस्टमॉर्टम कराया गया। मृतक को उनके भतीजे ने मुखाग्नि दी।
नेताओं का जुटान और प्रशासन की सख्ती सियाराम की मौत के बाद से ही रुकुंदीपुर गांव में आक्रोश और शोक का माहौल बना हुआ था। दिनभर वहां नेताओं का आना-जाना जारी रहा। दोपहर बाद बीजेपी नेता पियूष राय ने परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। इसके बाद पुलिस अधीक्षक डॉक्टर ईरज राजा मौके पर पहुंचे और परिजनों की मांगों को स्वीकार करते हुए कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। आश्वासन मिलने के बाद परिजनों ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने की अनुमति दी।
दोषी पुलिसकर्मी निलंबित प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रियल जांच के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है। वहीं थाना प्रभारी वेंकटेश तिवारी, एसआई अवधेश राय, हेड कॉन्स्टेबल नागेंद्र सिंह यादव, कॉन्स्टेबल धीरज सिंह, अभिषेक पांडेय और राकेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही एसआई कमलेश गुप्ता, जुल्फिकार अली और कई अन्य पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया है।
नए एसएचओ और पुलिसकर्मियों की तैनाती डीआईजी वैभव कृष्ण ने खुद नोनहरा थाने का दौरा किया और सख्त निर्देश दिए। देर शाम उप निरीक्षक पवन कुमार उपाध्याय को नया थानाध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। इसके अलावा पुलिस बल को मजबूत करने के लिए 12 नए पुलिसकर्मियों की थाने में तैनाती भी की गई है।
विवाद की जड़ और लाठीचार्ज का वीडियो पूरा मामला गठिया गांव में बिजली का पोल गाड़ने को लेकर हुए विवाद से जुड़ा बताया जा रहा है। इसी विवाद के चलते बीजेपी कार्यकर्ता नोनहरा थाने में धरना दे रहे थे। आरोप है कि आधी रात को थाने की लाइट बंद कर पुलिस ने धरनास्थल पर लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान कई कार्यकर्ता घायल हुए जिनमें राजेश राय बागी, अरविंद राय और सियाराम उपाध्याय शामिल थे।
गांव में गुस्सा और इंसाफ की मांग गुरुवार को 35 वर्षीय सियाराम की मौत की खबर फैलते ही रुकुंदीपुर गांव में सैकड़ों ग्रामीण और बीजेपी कार्यकर्ता जुट गए। गांव में माहौल बेहद गमगीन और तनावपूर्ण बना रहा। परिजनों ने साफ कहा है कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, वे न्याय के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।