माफिया अनुपम दुबे को आजीवन कारावास,
30 साल पुराने शमीम हत्याकांड में हुई सजा
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
फर्रुखाबाद जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जिले के चर्चित माफिया अनुपम दुबे को ईसी एक्ट कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने यह सजा 1995 में हुए पीडब्ल्यूडी ठेकेदार शमीम की हत्या के मामले में सुनाई। अनुपम दुबे के साथ उसके सहयोगी बालकृष्ण उर्फ शिशु को भी उम्रकैद की सजा दी गई है। इसके अलावा दोनों दोषियों पर 1 लाख 3 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
क्या था पूरा मामला ?
फतेहगढ़ में 1995 में पीडब्ल्यूडी ठेकेदार शमीम की हत्या कर दी गई थी। इस मामले की सुनवाई लंबे समय से चल रही थी। कई गवाहों और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने अनुपम दुबे और बालकृष्ण उर्फ शिशु को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
कड़ी सुरक्षा के बीच मथुरा जेल से लाया गया
माफिया अनुपम दुबे को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मथुरा जेल से फतेहगढ़ न्यायालय लाया गया। इस दौरान फतेहगढ़ कचहरी परिसर में सीओ के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात रहा। सुरक्षा की सख्ती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूरे परिसर में पुलिस की चप्पे-चप्पे पर तैनाती थी।
कानपुर कोर्ट से भी हो चुकी है उम्रकैद
दरअसल यह पहली बार नहीं है जब अनुपम दुबे को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। एक साल पहले कानपुर कोर्ट ने भी उसे एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा दी थी।
करोड़ों के होटल पर चला बुलडोजर
अक्टूबर 2023 में योगी सरकार ने अनुपम दुबे के फर्रुखाबाद की ठंडी सड़क स्थित आलीशान होटल 'गुरु शरणम पैलेस' पर बुलडोजर चला दिया था। करोड़ों की कीमत वाले इस होटल को प्रशासन ने जमींदोज कर दिया था। उस समय भी यह कार्रवाई पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी थी।
कौन है अनुपम दुबे ?
आपको बताते चलें कि अनुपम दुबे फर्रुखाबाद का एक चर्चित नाम है। करोड़ों की संपत्ति का मालिक यह शख्स लंबे समय से माफिया के रूप में पहचाना जाता है। उसके खिलाफ हत्या, रंगदारी, गैंगस्टर एक्ट समेत करीब चार दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। स्थानीय स्तर पर उसका गहरा वर्चस्व रहा है। वह विधायक का चुनाव भी लड़ चुका है और उसके करीबी उसे दबंग व्यापारी बताते हैं। वहीं, उसके भाई भी कई आपराधिक मामलों में जेल जा चुके हैं। फतेहगढ़ क्षेत्र में दुबे परिवार को लोग "डी कंपनी" के नाम से जानते हैं, हालांकि आधिकारिक तौर पर इस नाम की पुष्टि नहीं हुई है।
सरकार का संदेश साफ
अनुपम दुबे और उसके परिवार पर लगातार हो रही कार्रवाई से सरकार का संदेश साफ है कि प्रदेश में अवैध गतिविधियों में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। बुलडोजर कार्रवाई और अब अदालत के फैसले ने माफिया पर कानून का शिकंजा और भी कस दिया है।