रमजान से पहले गोरखपुर में खुद मस्जिद गिरा रहे मुस्लिम,
जानिए क्या है 50 साल पुराना ये विवाद, जिस पर सरकार ने लिया एक्शन ?
1 months ago
Written By: News Desk
गोरखपुर के घोष कंपनी चौराहे के पास स्थित एक चार मंजिला मस्जिद को लेकर 50 साल पुराना विवाद एक बार फिर चर्चा में है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) के आदेश के बाद मस्जिद कमेटी के लोग खुद ही अवैध निर्माण को गिरा रहे हैं। नगर निगम की 47 डिसमिल जमीन पर बनी इस मस्जिद की तीसरी मंजिल को अवैध घोषित किया गया था, जिसके चलते GDA ने इसे गिराने का आदेश दिया था।
15 फरवरी को जारी हुआ था नोटिस
15 फरवरी 2024 को मस्जिद के दिवंगत मुतवल्ली के बेटे शुऐब अहमद को नोटिस जारी किया गया था, जिसमें 15 दिन के अंदर अवैध निर्माण को हटाने का निर्देश दिया गया था। नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया था कि अगर निर्माण हटाया नहीं गया, तो GDA खुद इसे ध्वस्त करेगा और इसकी लागत निर्माणकर्ता से वसूली जाएगी।
नगर निगम की जमीन पर 50 साल पुराना कब्जा
नगर निगम की 47 डिसमिल जमीन पर पिछले 50 वर्षों से कब्जा था। इसी जमीन पर बनी 31 दुकानें और 12 आवासीय परिसरों को 25 फरवरी 2024 को नगर निगम ने एक अभियान के तहत हटाया था। इस दौरान मस्जिद को भी गिराने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन मुतवल्ली और स्थानीय लोगों के विरोध के चलते इसे रोक दिया गया था। बाद में नगर निगम ने मस्जिद निर्माण के लिए 60 वर्ग मीटर भूमि दक्षिण-पूर्वी कोने पर देने की सहमति जताई थी, जिसे नगर निगम बोर्ड ने मंजूरी दे दी थी।
बिना स्वीकृत नक्शे के हुआ था निर्माण
गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने मस्जिद निर्माण के दौरान भी मानचित्र प्रस्तुत करने को कहा था, लेकिन निर्माणकर्ता ऐसा नहीं कर सके। इसी कारण, GDA ने तीन बार नोटिस जारी किया, जिनका कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद 15 दिन के अंदर अवैध निर्माण को गिराने का निर्देश दिया गया था। मस्जिद के मुतवल्ली ने GDA के आदेश के खिलाफ कमिश्नर कोर्ट में अपील भी की थी।
1967 से चला आ रहा है विवाद
मस्जिद को लेकर पहली बार 1967 में नगर निगम ने कार्रवाई की थी, लेकिन तब मस्जिद कमेटी के लोग कोर्ट चले गए थे। कमेटी ने दावा किया था कि मस्जिद इस जगह पर पिछले 100 साल से मौजूद है। इसके बाद कोर्ट ने मस्जिद के लिए 1284 स्क्वायर फीट जमीन देने का आदेश दिया था। इसमें 24×26 स्क्वायर फीट जमीन मस्जिद के लिए और 60 फीट लंबा तथा 11 फीट चौड़ा रास्ता मस्जिद तक जाने के लिए दिया गया था।
मस्जिद कमेटी ने खुद शुरू किया निर्माण गिराने का काम
GDA के अल्टीमेटम के बाद मस्जिद कमेटी ने खुद ही अवैध निर्माण को हटाने का काम शुरू कर दिया है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से कानून के अनुसार हो रही है और इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा रहा है।