अब बहाल हो जाएगी अब्बास अंसारी की विधायकी..!
जानें क्या कहते हैं नियम..!
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश की मऊ सदर विधानसभा सीट से विधायक रहे अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत तो मिल गई है, लेकिन विधानसभा में उनकी वापसी पर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। हाईकोर्ट ने हेट स्पीच मामले में दी गई सजा पर स्टे तो दे दिया है, मगर दोष सिद्धि को लेकर स्थिति जस की तस है। यही कारण है कि फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता तुरंत बहाल हो जाएगी।
सजा पर रोक तक सीमित है आदेश ?
वहीं कानूनी जानकारों के अनुसार, हाईकोर्ट का यह आदेश केवल सजा पर रोक तक सीमित है, जबकि दोष सिद्धि पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में विधानसभा की सदस्यता स्वतः बहाल हो जाएगी, यह कहना जल्दबाजी होगी। साथ ही, इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। ऐसे में आगे की कानूनी लड़ाई अभी बाकी दिख रही है।
विधानसभा स्पीकर का बयान और अब्बास की पहली प्रतिक्रिया
वहीं इस पूरे मामले पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर सतीश महाना ने साफ कहा है कि हाईकोर्ट ने केवल निचली अदालत के फैसले पर स्टे दिया है, लेकिन अगर हाईकोर्ट सजा को खारिज कर देता या समाप्त कर देता, तभी सदस्यता स्वतः बहाल हो सकती थी। महाना का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश की आधिकारिक प्रति मिलने के बाद ही विधानसभा सचिवालय स्थिति पर अंतिम निर्णय लेगा।
अब्बास अंसारी ने लिखा विधायक
वहीं, अब्बास अंसारी ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर दी। उन्होंने खुद को "विधायक, मऊ सदर" लिखते हुए कहा, "हेट स्पीच मामले में हुई सजा पर आज माननीय हाईकोर्ट ने रोक लगाकर संविधान पर हमारे यकीन को और मज़बूत कर दिया है। ये जीत न्याय की जीत है, ये जीत संविधान की जीत है, ये जीत आप सबकी दुआओं की जीत है।" उन्होंने समर्थकों का आभार जताते हुए इसे अपनी राजनीतिक लड़ाई का महत्वपूर्ण पड़ाव बताया।
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि हाईकोर्ट का आदेश आने से पहले अब्बास अंसारी ने अपने अन्य सोशल मीडिया पोस्ट्स में खुद को विधायक नहीं लिखा था। लेकिन जैसे ही सजा पर रोक लगी, उन्होंने अपनी विधायक की पहचान को फिर से सार्वजनिक रूप से जताना शुरू कर दिया।