अब परिंदों को मिलेगा खुद का आशियाना,
बागपत जिलाधिकारी ने की सराहनीय पहल
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
आज-कल का मौसम कभी झुलसाती धूप तो कभी तेज़ बरसात और अचानक से चली ठंडी हवाओं का मिज़ाज दिखाता है। इंसान के पास इससे बचने को पक्के मकान और सुविधाएं हैं, लेकिन वही मासूम परिंदे सबसे ज्यादा संकट में रहते हैं। उनके पास न दीवारें होती हैं, न छत, बस आसमान ही उनका सहारा होता है। ऐसे ही हालात में बागपत की जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने एक ऐसी पहल शुरू की है जो सिर्फ अनोखी ही नहीं, बल्कि इंसानियत और संवेदनशीलता की मिसाल भी है।
क्या है यह अभियान? डीएम अस्मिता लाल ने अपील की है कि बागपत का हर नागरिक अपने घर की छत, आंगन या बगीचे में एक पक्षी घर (बर्ड हाउस) ज़रूर लगाए। ताकि बदलते मौसम में परिंदों को एक सुरक्षित आशियाना मिल सके। उन्होंने इस अभियान की शुरुआत जिला मुख्यालय से की, जहां एक पोल पर 72 बर्ड हाउस बनवाए गए हैं। यह सिर्फ एक संरचना नहीं, बल्कि संदेश है कि प्रकृति और पशु-पक्षियों की रक्षा करना केवल दया नहीं, बल्कि हमारा संवैधानिक कर्तव्य है।
नैतिकता और संस्कृति से जुड़ा कदम यह मुहिम केवल परिंदों के लिए छत बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, नैतिकता और जीवनशैली से जुड़ा आंदोलन है। एक छोटा-सा बर्ड हाउस इंसान की करुणा, जागरूकता और जिम्मेदारी का प्रतीक बनेगा। जिलाधिकारी का मानना है कि अगर हर घर इस अभियान में शामिल होता है तो यह एक जनांदोलन का रूप ले लेगा।
असर और भविष्य की तस्वीर यदि हर घर में एक पक्षी घर लगेगा तो बागपत की फिज़ाओं में फिर से चहचहाहट गूंजेगी। परिंदों को गर्मियों की तपिश से लेकर सर्दियों की ठिठुरन तक एक स्थायी आश्रय मिलेगा। बच्चों में प्रकृति से जुड़ाव और उसकी रक्षा करने की आदत विकसित होगी। मतलब साफ है- यह केवल एक पहल नहीं, बल्कि इंसानी जीवनशैली को प्रकृति के साथ संतुलित करने का प्रयास है। अगर बागपत से यह शुरुआत आगे बढ़ी तो यह लहर पूरे उत्तर प्रदेश और फिर पूरे देश तक जाएगी, और लाखों परिंदों को नया जीवन मिल सकेगा।