यूपी में अब कुंवारी युवतियों को नहीं मिलेंगे लोन..!
बैंक ने खारिज कर दी एप्लीकेशन
5 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी “मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना” (MYUVA) का उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करना है। लेकिन अलीगढ़ जिले से सामने आई ताज़ा रिपोर्ट्स ने इस योजना की जमीनी हकीकत पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां कई बैंकों ने मनमानी करते हुए अजीबोगरीब तर्क देकर लोन आवेदनों को खारिज कर दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि कई युवतियों के आवेदन सिर्फ इसलिए अस्वीकार कर दिए गए क्योंकि वे अविवाहित हैं।
योजना का उद्देश्य और पात्रता
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना के तहत 21 से 40 वर्ष की आयु के उन युवाओं को पांच लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त और बिना गारंटी का लोन उपलब्ध कराया जाता है, जिन्होंने कम से कम आठवीं तक की पढ़ाई पूरी की हो और किसी मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्था से डिप्लोमा या प्रमाणपत्र प्राप्त किया हो। योजना का उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें वित्तीय रूप से सक्षम बनाना है।
बैंकों की मनमानी से बढ़ी परेशानियां
अलीगढ़ जिले में कई बैंकों की मनमानी ने इस योजना की साख को धक्का पहुंचाया है। नौरंगाबाद की गीता कुमारी, आगरा रोड की अदिति वर्मा और ब्रहमपुरी की सौम्या गुप्ता जैसी कई युवतियों के लोन आवेदन केवल इस वजह से खारिज कर दिए गए क्योंकि वे अविवाहित हैं। बैंकों का तर्क था कि शादी के बाद स्थान परिवर्तन हो सकता है, जिससे लोन की वसूली मुश्किल हो जाएगी। जबकि योजना की गाइडलाइन में कहीं भी वैवाहिक स्थिति का उल्लेख नहीं है, यानी बैंक का यह कारण पूरी तरह से अनुचित है।
70 प्रतिशत आवेदन गलत कारणों से खारिज
संयुक्त आयुक्त उद्योग वीरेंद्र कुमार ने बताया कि अलीगढ़ जिले से कुल 3297 आवेदन बैंकों में भेजे गए थे। इनमें से 1510 आवेदन बैंकों ने निरस्त कर दिए, केवल 938 आवेदन स्वीकृत हुए और उनमें से भी सिर्फ 830 आवेदकों को ही लोन दिया गया। हाल ही में की गई ऑडिट रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि बैंकों ने लगभग 70 प्रतिशत आवेदन गलत कारणों से खारिज किए हैं। कई मामलों में तो बिना किसी सर्वे और उचित जांच के ही आवेदनों को अस्वीकार कर दिया गया, जिससे योग्य आवेदकों को योजना का लाभ नहीं मिल सका।
बैंकों के खिलाफ होगी कार्रवाई
अलीगढ़ में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन आवेदनों को गलत कारणों से खारिज किया गया है, उन्हें दोबारा जांच के बाद बैंकों को वापस भेजा जाएगा। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समेत अन्य उच्च अधिकारियों को शिकायत भेजी जा रही है। बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा में पाया गया कि पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। प्रशासन ने इन बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।
आवेदन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की तैयारी
सरकार अब इस योजना को पारदर्शी और सुलभ बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को और अधिक सख्त और स्पष्ट करने की दिशा में काम कर रही है। योजना के तहत पात्र आवेदक msme.up.gov.in या cmyuva.iid.org.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए आधार कार्ड, निवास प्रमाणपत्र, शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेज और प्रोजेक्ट रिपोर्ट आवश्यक हैं।
सरकार की सख्त निगरानी की जरूरत
अलीगढ़ की यह स्थिति इस बात का सबूत है कि योजनाओं का सही क्रियान्वयन तभी संभव है जब बैंक और प्रशासन पारदर्शी तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभाएं। सरकार की ओर से लागू की गई इस योजना का लाभ उन युवाओं तक पहुंचे जिनके लिए यह बनाई गई है। लेकिन जब बैंकों द्वारा गाइडलाइन से इतर मनमानी की जाती है, तो योजना का उद्देश्य ही अधूरा रह जाता है। सरकार अब इस दिशा में सुधार के लिए ठोस कदम उठा रही है ताकि भविष्य में पात्र आवेदकों को बिना किसी भेदभाव के योजना का पूरा लाभ मिल सके।