मेरठ में न्यूड गैंग की दहशत, महिलाओं को बना रहे निशाना,
पुलिस ने बिछाया जाल
4 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भराला गांव (NH-58 के सिवाया टोल प्लाजा से करीब 2 किमी भीतर) में इन दिनों दहशत का माहौल है। वजह है एक रहस्यमयी 'न्यूड गैंग', जिसके सदस्य पूरी तरह निर्वस्त्र होकर खेतों के सुनसान रास्तों पर घूमते हैं और अकेली महिलाओं को निशाना बनाते हैं। पिछले कुछ दिनों में चौथी घटना सामने आने के बाद ग्रामीणों में खौफ गहरा गया है। महिलाएं खेतों के रास्तों से गुजरने से बचने लगी हैं, जबकि पुलिस ने मामले की गंभीर जांच शुरू कर दी है।
खेत में महिला पर हमला, बस ड्राइवर ने बचाया
बीते शनिवार को इस गैंग के दो संदिग्ध सदस्यों ने खेत से गुजर रही एक महिला को खींचने की कोशिश की। तभी पास से गुजर रही स्कूल बस के ड्राइवर और गार्ड ने शोर मचाकर महिला को बचा लिया। इस दौरान महिला को चोटें भी आईं। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और ड्रोन कैमरे की मदद से खेतों में सर्च ऑपरेशन चलाया।
गांव में दहशत, मेहमानों का आना भी कम हुआ
भराला गांव के निवासी हरेंद्र बताते हैं कि यह अब तक की चौथी घटना है। महिलाओं और स्कूली छात्राओं में दहशत इतनी गहरी है कि वे अब खेतों के रास्तों से नहीं जातीं। यहां तक कि मेहमान भी गांव आने से कतराने लगे हैं। ग्रामीण खुद भी रात में सुनसान रास्तों को छोड़कर घूमकर आना-जाना कर रहे हैं।
ग्राम प्रधान की चिंता, पुलिस कर रही कॉम्बिंग
ग्राम प्रधान राजेंद्र ने बताया कि पीड़ित महिला के अनुसार, दोनों युवक पूरी तरह निर्वस्त्र थे और उन्होंने उसे खींचने की कोशिश की थी। पहली तीन घटनाओं को ग्रामीणों ने पहले मजाक या शरारत मानकर नजरअंदाज किया, लेकिन चौथी घटना ने खौफ का माहौल पैदा कर दिया। अब पुलिस गांव वालों के साथ कॉम्बिंग ऑपरेशन चला रही है।
लाठी-डंडों से हो रही पहरेदारी, महिलाएं खेतों से दूर
गांव की महिलाएं अब खेतों के रास्ते से गुजरने से परहेज कर रही हैं। छात्राओं ने भी स्कूल आने-जाने के मार्ग बदल लिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उनके पास कोई हथियार नहीं है, वे सिर्फ लाठी-डंडों से पहरेदारी कर रहे हैं। गांव में खौफ और गुस्सा साफ झलकता है, और लोग प्रशासन से न्यूड गैंग का जल्द पर्दाफाश करने की मांग कर रहे हैं।
पुलिस की जांच के दो एंगल, साजिश की बू
पुलिस ने इस मामले में दो नए एंगल पर जांच शुरू की है। पहला, स्कूल विवाद की आशंका है। यानी किसी छात्र या शिक्षक से हुए विवाद के चलते बच्चों या युवाओं की शरारत हो सकती है। दूसरा, पंचायती चुनाव का एंगल है, जिसमें गांव में दहशत फैलाकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की जा सकती है। सूत्रों का दावा है कि पुलिस को शक है कि इसमें अंदरूनी साजिश भी हो सकती है। इसी वजह से ग्रामीणों के बीच एक-दूसरे पर शक जाहिर करने और शिकायतें दर्ज कराने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
7 सीसीटीवी, 4 पुलिस टीमें और ड्रोन की निगरानी
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि चार नहीं, बल्कि केवल एक घटना की पुष्टि हुई है। आरोपियों की तलाश के लिए चार विशेष पुलिस टीमें गठित की गई हैं। गांव और आसपास के रास्तों पर 7 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और उनकी निरंतर निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही खेतों और रास्तों पर ड्रोन से कॉम्बिंग अभियान भी चलाया जा रहा है। गांव में पुलिस की गश्त तेज कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और जरूरत पड़ी तो पीड़ित महिलाओं की मदद से संदिग्धों के स्केच भी बनवाए जाएंगे।