बारावफात के जुलुस में लहराए गए फिलिस्तीनी झंडे,
वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
2 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में बारावफात के मौके पर निकाले गए एक जुलूस के दौरान विवाद उस समय खड़ा हो गया जब कुछ युवाओं द्वारा फिलिस्तीन का झंडा लहराने का मामला सामने आया। यह घटना इन्हौना थाना क्षेत्र की है, जहां सोमवार देर शाम बारावफात का जुलूस निकाला जा रहा था। जुलूस में शामिल कुछ युवाओं ने हाथों में फिलिस्तीनी झंडे थामे हुए जुलूस में हिस्सा लिया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से बढ़ा विवाद
जुलूस के दौरान फिलिस्तीनी झंडा लहराने का वीडियो सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कई युवा बारावफात के जुलूस में फिलिस्तीनी झंडा लेकर चलते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो सामने आने के बाद क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है और लोगों में इस घटना को लेकर नाराजगी है। स्थानीय निवासियों ने इसे अशांति फैलाने की कोशिश बताया है और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि जुलूस धार्मिक सौहार्द का प्रतीक होता है, लेकिन कुछ लोग जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
थाना प्रभारी बोले- “मामले की जानकारी नहीं”
वहीं मामले पर जब इन्हौना थाना प्रभारी प्रदीप सिंह से पत्रकारों ने बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि उन्हें जुलूस के दौरान फिलिस्तीनी झंडा लहराने का कोई मामला नहीं दिखा और इस संबंध में कोई शिकायत भी दर्ज नहीं हुई है। हालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि जुलूस में कई युवक फिलिस्तीनी झंडा लेकर घूम रहे हैं। थाना प्रभारी ने कहा कि वीडियो की जांच की जाएगी और अगर मामला सही पाया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस प्रशासन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की सत्यता की जांच कर रहा है और आसपास के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
स्थानीय प्रशासन पर उठ रहे सवाल
इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। एक ओर सोशल मीडिया पर वीडियो तेजी से फैल रहा है और लोग मामले की जांच की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर थाना प्रभारी की जानकारी से अनभिज्ञता प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है। इस घटना ने अमेठी जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भी बहस छेड़ दी है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब पूरे क्षेत्र में धार्मिक जुलूस हो रहा था, तो पुलिस की मौजूदगी के बावजूद इस तरह का झंडा कैसे लहराया गया और प्रशासन को इसकी खबर क्यों नहीं मिली।