यूपी में बजा पंचायत चुनाव का बिगुल,
अंतिम चरण में आंशिक पुनर्गठन और परिसीमन प्रक्रिया
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2026 की तैयारियां तेज हो गई हैं। पंचायती राज विभाग ने चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। निदेशक पंचायतीराज अमित कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2021 में सम्पन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के बाद, अब संघटित ग्राम पंचायतों के कार्यकाल की समाप्ति को ध्यान में रखते हुए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल जल्द समाप्त
आपको बताते चलें कि वर्ष 2021 में चुनी गई त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधियों का कार्यकाल क्रमवार समाप्त होने जा रहा है। ग्राम पंचायत प्रधानों का कार्यकाल 26 मई 2026 को, क्षेत्र पंचायत प्रमुखों का 19 जुलाई 2026 को और जिला पंचायत अध्यक्षों का कार्यकाल 11 जुलाई 2026 को समाप्त हो जाएगा। इसके मद्देनजर चुनाव की पूरी प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
नगरीय निकायों के सृजन और सीमा विस्तार पर रोक
चुनावी प्रक्रिया सुचारु रूप से पूरी हो सके, इसके लिए शासन ने 20 मई 2025 को एक आदेश जारी किया है। इसके तहत नगर विकास विभाग से अनुरोध किया गया है कि चुनाव संपन्न होने तक नगरीय निकायों के सृजन और सीमा विस्तार की किसी भी प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए।
37 जनपदों में आंशिक पुनर्गठन पूरा
वर्ष 2021 के चुनावों के बाद नगर निकायों के सीमा विस्तार के कारण प्रभावित ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों का आंशिक पुनर्गठन किया गया है। 23 मई 2025 के शासनादेश के तहत 37 जनपदों में पुनर्गठन की पूरी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और इसका विस्तृत विवरण शासन को सौंप दिया गया है। वहीं इस पुनर्गठन के बाद प्रदेश में ग्राम पंचायतों की संख्या में बदलाव हुआ है। पहले जहां 58,195 ग्राम पंचायतें थीं, वहीं अब नगर निकायों के विस्तार के कारण 512 ग्राम पंचायतें समाप्त हो गईं, 9 नई ग्राम पंचायतों का गठन हुआ और 2 वन टंगिया ग्रामों को भी ग्राम पंचायतों के रूप में अधिसूचित किया गया। फिलहाल प्रदेश में कुल 57,694 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में हैं।
जनगणना के आंकड़ों पर परिसीमन की प्रक्रिया
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, आंशिक पुनर्गठन से प्रभावित ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों (विकास खंडों) की संशोधित जनसंख्या संबंधी रिपोर्ट जिलाधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराई जा चुकी है। प्रभावित पंचायतों और वार्डों के परिसीमन के लिए शासनादेश 15 और 16 जुलाई 2025 को जारी किए गए।
प्रभावित वार्डों का परिसीमन और आपत्तियों का निस्तारण
प्रभावित वार्डों के परिसीमन की कार्यवाही पूरी कर ली गई है। इस दौरान 3 से 5 अगस्त 2025 तक आपत्तियां दर्ज की गईं, जिनका निस्तारण करने के बाद नए वार्डों का गठन किया जा रहा है। परिसीमन से प्रभावित 39 जनपदों में प्रक्रिया निर्धारित समय-सारणी के अनुसार पूरी की जा रही है।
47 जनपदों से रिपोर्ट प्राप्त, 28 से शेष
पंचायती राज निदेशालय को 12 अगस्त 2025 तक सभी जनपदों से परिसीमन संबंधी अभिलेख उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे। अब तक 47 जनपदों से अभिलेख प्राप्त हो चुके हैं। हालांकि, 28 जनपदों से रिपोर्ट अभी तक लंबित है, जिनमें आगरा, औरैया, बागपत, बहराइच, बलिया, भदोही, बदायूं, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, झांसी, कानपुर देहात, कासगंज, कौशाम्बी, कुशीनगर, महाराजगंज, मऊ, मिर्जापुर, मुरादाबाद, पीलीभीत, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, रामपुर, सहारनपुर, संतकबीरनगर, सीतापुर, सोनभद्र और सुलतानपुर शामिल हैं।
चुनावी तैयारियों को लेकर शासन सतर्क
पंचायती राज विभाग का कहना है कि सभी जरूरी औपचारिकताएं समय पर पूरी की जा रही हैं ताकि चुनाव प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी न हो। परिसीमन, पुनर्गठन और जनसंख्या डेटा के आधार पर अंतिम वार्डों का गठन किया जाएगा।