बरेली विवाद को लेकर सियासी उठापटक जारी…
नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने किया हाउस अरेस्ट
23 days ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ के नारे को लेकर हुए विवाद और पुलिस लाठीचार्ज के बाद शुरू हुआ सियासी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा। इसी कड़ी में नगीना सांसद और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को बरेली जाने से पहले ही हाउस अरेस्ट कर लिया गया। वे पीड़ित परिवारों से मिलने का कार्यक्रम बना चुके थे, लेकिन सहारनपुर स्थित आवास से निकलने से पहले ही प्रशासन ने उन्हें रोक दिया।
सरकार पर चंद्रशेखर का सीधा हमला चंद्रशेखर ने इस कार्रवाई को योगी सरकार की साजिश करार दिया और सवाल उठाया कि अगर बरेली में उनके मुस्लिम भाइयों के साथ कोई अन्याय नहीं हो रहा, तो आखिर उन्हें वहां जाने से क्यों रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है और सरकार सच सामने आने से रोकना चाहती है।
पुलिस पहरे में सांसद का आवास जानकारी के मुताबिक चंद्रशेखर मंगलवार देर रात छुटमलपुर स्थित हरिजन कॉलोनी वाले आवास पहुंचे थे। देर रात से ही पुलिस बल वहां तैनात हो गया और सुबह होते-होते पूरे इलाके में बैरिकेडिंग कर दी गई। इससे पहले कांग्रेस सांसद इमरान मसूद और पूर्व सांसद कुंवर दानिश अली को भी प्रशासन ने हाउस अरेस्ट किया था।
गर्लफ्रेंड ने लगाया नौटंकी का आरोप इसी बीच चंद्रशेखर की गर्लफ्रेंड डॉक्टर रोहिणी घावरी ने सोशल मीडिया पर उन पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि हर बार वे कहीं जाने की घोषणा करते हैं और पुलिस उन्हें रोक लेती है, जिसके बाद "दलित नेता को रोका गया" जैसे हैशटैग चलने लगते हैं। रोहिणी ने आरोप लगाया कि यह सब एक सोची-समझी स्क्रिप्ट होती है ताकि सहानुभूति बटोरी जा सके। उन्होंने यहां तक कहा कि नेताओं की यह नौटंकी जनता को मूर्ख बनाने की साजिश है।
सुरक्षा कारणों का हवाला प्रशासन ने चंद्रशेखर को रोकने के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया। वहीं, समर्थकों का कहना है कि यह सीधे-सीधे लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन है। भीम आर्मी ने भी बयान जारी कर कहा कि पीड़ितों की आवाज को दबाने की कोशिश किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
चंद्रशेखर का तीखा संदेश हाउस अरेस्ट के बाद चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया पर कविता के अंदाज में सरकार को घेरा। उन्होंने लिखा, “लश्कर भी तुम्हारा है, सरदार तुम्हारा है... कानून तुम्हारा है, दरबार तुम्हारा है।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार पुलिस बल के दम पर लोकतंत्र कुचलना चाहती है तो वे भी बहुजन समाज के लिए न्याय की लड़ाई और तेज करेंगे।
“घटनाएं अचानक नहीं होतीं” चंद्रशेखर ने कहा कि बरेली में 26 सितंबर को हुआ शांतिपूर्ण प्रदर्शन अचानक अराजकता में नहीं बदला। इसके पीछे कोई न कोई योजना थी, जिसकी जांच जरूरी है। उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि 82 से अधिक लोगों को जेल भेजा गया है, 207 पर मुकदमे दर्ज हुए हैं और लोग मस्जिदों तक नहीं जा पा रहे। धार्मिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकार छीने जा रहे हैं, जिससे पूरा इलाका भय के साए में जी रहा है।
बुलडोजर और गोलियों का आरोप चंद्रशेखर ने कहा कि कई घरों पर ताले लगे हैं, बुलडोजर चलाए जा रहे हैं और गोलियां भी चलाई गईं। उन्होंने इस कार्रवाई को कठोर और अनुचित बताया और कहा कि यह साफ संकेत है कि जिन पर आरोप हैं, वे बिना निष्पक्ष जांच के फंसा दिए गए हैं।