सपा नेता आजम खान की रिहाई अटकी,
जेल के बाहर लगा समर्थकों का जमावड़ा
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आज़म ख़ान की रिहाई फिलहाल अटक गई है। मुरादाबाद कोर्ट से अभी रिहाई का परवाना जारी नहीं हुआ है, जिसके चलते आज उनके जेल से बाहर आने की उम्मीदों पर असमंजस बना हुआ है। यहां छजलैट केस में दो साल की सजा पूरी हो चुकी है, लेकिन परवाना मिलने में देरी के कारण उनकी रिहाई टल सकती है। अगर आदेश दोपहर बाद जेल पहुंच गया तो आज़म ख़ान शाम तक सीतापुर जेल से बाहर आ सकते हैं । जिसपर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
जेल के बाहर माहौल और पुलिस की सख्ती वहीं उनकी रिहाई को लेकर सुबह से ही सीतापुर जेल के बाहर सुबह से ही सपा कार्यकर्ता और समर्थकों की भीड़ जुटी हुई है। हालांकि पुलिस ने वहां से नेताओं और कार्यकर्ताओं को हटाना शुरू कर दिया है। नो-पार्किंग जोन में खड़ी गाड़ियों पर चालान भी किया गया है। पुलिस प्रशासन ने जेल के पास अनावश्यक भीड़ पर रोक लगा दी है। सुबह के मुकाबले अब जेल के बाहर भीड़ कम हो गई है।
बेटे अदीब ने कहा – "आज के हीरो आज़म ख़ान" वहीं सपा नेता और आज़म खान के बेटे अदीब आज़म ने कहा कि उनके पिता की रिहाई पूरे प्रदेश के लिए खुशी का दिन है। उन्होंने कहा, "आज के हीरो आज़म ख़ान हैं, जो बोलेंगे वही बोलेंगे।" अदीब खुद उन्हें लेने के लिए सीतापुर जेल पहुंच चुके हैं।
वकीलों और नेताओं की प्रतिक्रिया वहीं आज़म खान के वकील जुबैर अहमद खान ने पुष्टि करते हुए कहा कि सभी मामलों में उन्हें ज़मानत मिल चुकी है और नियमानुसार बहुत जल्द उनकी रिहाई होगी। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता रविदास मेहरोत्रा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने झूठे मुक़दमे दर्ज कर उन्हें लंबे समय तक प्रताड़ित किया। उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद और पूर्व कैबिनेट मंत्री को जेल में क्लास बी की सुविधा तक नहीं दी गई।
राजनीतिक असर और समर्थकों की खुशी वहीं आज़म ख़ान की रिहाई को लेकर सपा समर्थकों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि यह उनके लिए ईद जैसा दिन है। 23 महीने बाद आज़म खान के बाहर आने से 2027 के चुनावी समीकरणों पर बड़ा असर पड़ सकता है। समर्थकों का दावा है कि जो लोग उनके बसपा में जाने की बातें फैला रहे हैं, वे केवल भ्रम फैला रहे हैं। आज़म खान समाजवादी पार्टी के संस्थापकों में से रहे हैं और पार्टी छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता।