SSC CGL परीक्षा में फर्जी विकलांग सॉल्वर से कराते थे नक़ल और लाखों की वसूली,
नोएडा में एसटीएफ ने पकड़ा गिरोह
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षा 2025 में नकल कराने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एसटीएफ ने गैंग के सरगना सहित कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से ₹14 लाख से अधिक नकद, 16 फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र, 13 मोबाइल फोन और कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
ऐसे करते थे नकल का खेल
जानकारी के मुताबिक, मामले की जांच में सामने आया कि गैंग शारीरिक रूप से अक्षम उम्मीदवारों के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर पढ़े-लिखे सॉल्वर परीक्षा में लेखक (स्क्राइबर) के रूप में बैठाते थे। नियमों के मुताबिक, पीएच उम्मीदवार अपने लिए लेखक ला सकते हैं, लेकिन उसकी योग्यता कम होनी चाहिए। गैंग इस प्रावधान का गलत इस्तेमाल कर रहा था। बीटेक या उससे अधिक शिक्षित लोगों को फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए लेखक बनाया जाता और वे उम्मीदवारों की जगह पेपर हल करते थे। इस पूरी व्यवस्था के लिए उम्मीदवार से एक से दो लाख रुपये वसूले जाते थे। वहीं, फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अतिरिक्त ₹50 हजार तक लिए जाते थे।
सरगना और परीक्षा केंद्र के कर्मचारी शामिल
जानकारी के मुताबिक इस नकलची गिरोह का संचालन इंदौर निवासी सागर पांडे कर रहा था। उसने नोएडा के सेक्टर-80 स्थित ‘आदर्श परीक्षा केंद्र’ के कर्मचारियों के साथ मिलकर यह गोरखधंधा खड़ा किया था। परीक्षा आयोजित कराने वाली कंपनी इनोवेटिव व्यू प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी रोहित कुमार (सेंटर हेड) और नरेंद्र सिंह (मैनेजर) भी इसमें शामिल पाए गए। यही दोनों आरोपी सॉल्वरों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिलाते थे।
कई ठिकानों पर छापेमारी
एसटीएफ की टीम ने गौर सिटी, आदर्श परीक्षा केंद्र और एक होटल पर छापेमारी कर आरोपियों को गिरफ्तार किया। फिलहाल, सभी के खिलाफ नोएडा के फेज-2 थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी और सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि मामले की गहन जांच की जा रही है और अन्य संभावित सहयोगियों की भी पहचान की जा रही है।
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