यूपी में अजब खेल…बिल्डर ने बेच दी थाने की जमीन,
कालोनी बसा कर कर दिया सौदा
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से अवैध कॉलोनियों और सरकारी जमीन पर कब्ज़े का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि सरकारी बंजर भूमि, जिसे राजस्व रिकॉर्ड में श्रेणी 5(3) यानी बंजर दर्ज किया गया था, को फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए निजी संपत्ति दिखाकर कॉलोनियों में तब्दील कर बेच दिया गया। बताया जा रहा है कि ये सरकारी जमीन मेरठ के पल्लवपुरम थाने की है।
20 करोड़ है कीमत
मिली जानकारी के मुताबिक, यह पूरा मामला सरधना तहसील क्षेत्र के मुईकंपुर एलखेड़ी, परगना दौराला का है। यहां खसरा संख्या 609/5 की जमीन, जिसका रकबा 0.5060 हेक्टेयर है और जिसकी कीमत लगभग 20 करोड़ रुपये आंकी गई, को धोखाधड़ी से हड़प लिया गया।
कैसे चला कब्ज़े का खेल ?
जांच में सामने आया कि जमीन के दो हिस्से कर अवैध प्लॉटिंग की गई। जिसमें, 0.3667 हेक्टेयर भूमि को मधुर इन्फ्रा डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने अपने नाम दिखाकर 3420 वर्ग मीटर की कॉलोनी खड़ी कर दी। शेष 0.1520 हेक्टेयर भूमि पर चंदनपाल एसोसिएट्स और सिद्धार्थ पंवार ने लगभग 1900 वर्ग मीटर की कॉलोनी विकसित कर डाली। इस तरह, सरकारी बंजर भूमि को निजी स्वामित्व बताकर 2060 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल पर प्लॉटिंग की गई और उसे बेचकर करोड़ों का मुनाफा कमाया गया।
किस-किस पर लगा आरोप?
दस्तावेज़ों से साफ है कि इस जमीन घोटाले में कई नाम शामिल हैं। पुलिस जांच में इन लोगों पर संलिप्तता का आरोप लगा, मधुर इन्फ्रा डवलपर्स लिमिटेड के डायरेक्टर – आशिष गुप्ता, आदित्य गुप्ता, जय गुप्ता, चंदनपाल एसोसिएट्स के अंकुर कुमार और अनिल कुमार, सिद्धार्थ पंवार पुत्र रामकुमार, इन पर राजस्व दस्तावेज़ों में हेराफेरी कर सरकारी जमीन को निजी बताते हुए अवैध कॉलोनियां विकसित करने का आरोप है।
जुलाई से दर्ज था मुकदमा
पुलिस ने इस पूरे प्रकरण का खुलासा जुलाई में ही कर दिया था और मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन महीनों तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी। अब जाकर इस जमीन घोटाले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि बाकी की तलाश जारी है।
सरकारी खजाने को भारी नुकसान
जहां यह जमीन राजस्व रिकॉर्ड में बंजर दर्ज थी, वहीं आरोपियों ने इसे मालिकाना हक दिखाकर कॉलोनियों में बदल दिया। इस धोखाधड़ी से न केवल राज्य सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ, बल्कि सरकारी संपत्ति पर सीधा कब्ज़ा कर लिया गया।