बांग्लादेशी, पाकिस्तानी, नेपाली और रोहिंग्याओं के बनवाते थे फर्जी आधार कार्ड और पासपोर्ट,
ATS की रिमांड पर तालिब और सलमान
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश एटीएस ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे आधार कार्ड बनाने वाले बड़े सिंडिकेट से जुड़े दो आरोपियों को कस्टडी रिमांड पर लिया है। सहारनपुर निवासी तालिब अंसारी और गाजियाबाद निवासी सलमान अंसारी को अदालत में पेश करने के बाद सात दिन की रिमांड पर भेजा गया। एटीएस का कहना है कि दोनों आरोपी ऐसे नेटवर्क से जुड़े हैं, जो बांग्लादेशी, पाकिस्तानी, नेपाली और रोहिंग्या नागरिकों के लिए अवैध रूप से आधार कार्ड बनवाने में शामिल रहा है।
कई राज्यों तक फैला नेटवर्क जांच के दौरान एटीएस को जानकारी मिली कि यह गिरोह देशभर में सक्रिय है। आज़मगढ़, गोरखपुर, सहारनपुर, मऊ, औरैया, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और कोलकाता, दिल्ली-एनसीआर, बिहार के लखीसराय और कटिहार के जनसेवा केंद्रों से फर्जी दस्तावेजों पर आधार कार्ड बनाए गए थे। इसी कड़ी में बीते अगस्त में एटीएस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद तालिब और सलमान की गिरफ्तारी हुई।
फर्जी आधार से पासपोर्ट तक बने जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि इन फर्जी आधार कार्डों के आधार पर पासपोर्ट भी बनवाए गए। इससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है, क्योंकि इससे पहचान छिपाने और सुरक्षा व्यवस्था को खतरा पैदा हो सकता है। एटीएस का कहना है कि आरोपियों से बरामद लैपटॉप और मोबाइल डेटा खंगाला जाएगा, जिससे गिरोह के अन्य सदस्यों और पैसों के लेनदेन की जानकारी मिल सकती है।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर मंडराता खतरा फर्जी आधार कार्ड का मामला केवल धोखाधड़ी भर नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। अवैध नागरिक अगर भारतीय पहचान पत्र हासिल कर लेते हैं, तो वे सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग करने के साथ ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी और पासपोर्ट भी हासिल कर सकते हैं। ऐसे में यह गिरोह देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है। एटीएस का कहना है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और भी अहम खुलासे हो सकते हैं।