स्टेट बैंक के लॉकर से खुलेगा बांके बिहारी मंदिर का 54 साल पुराना राज,
हाई पावर्ड कमेटी ने शुरू की प्रक्रिया
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
मथुरा के वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर से जुड़ा 54 साल पुराना राज़ अब सामने आने वाला है। मंदिर के तहखाने में रखा गया खजाना और भारतीय स्टेट बैंक के लॉकर में रखा बॉक्स खोलने की तैयारी चल रही है। मंदिर प्रबंधन की सुप्रीम कोर्ट से गठित हाई पावर्ड कमिटी ने इस संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी है और बैंक से भी जानकारी मांगी गई है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी हाई पावर्ड कमिटी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने श्री बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए एक हाई पावर्ड कमिटी का गठन किया। इसके अध्यक्ष हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अशोक कुमार और सदस्य रिटायर्ड जिला जज मुकेश कुमार को बनाया गया है। इसमें स्थानीय प्रशासन के अधिकारी और मंदिर के चार सेवायत भी शामिल हैं। कमिटी के गठन के बाद मंदिर में श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन को लेकर नए नियम बनाए गए और 54 साल से बंद खजाने को खोलने का फैसला भी लिया गया।
तहखाने और बैंक लॉकर का खजाना जानकारी के मुताबिक, बांके बिहारी का तहखाना आखिरी बार 1971 में खोला गया था। उस समय वहां से मिले कुछ सामानों को तत्कालीन कमिटी अध्यक्ष प्यारेलाल गोयल ने बैंक के लॉकर में सुरक्षित रखवा दिया था। माना जा रहा है कि एसबीआई की भूतेश्वर शाखा के लॉकर में रखा यह बक्सा मंदिर से जुड़े अहम दस्तावेज़ और ऐतिहासिक वस्तुएं समेटे हुए है।
दर्शन व्यवस्था पर भी उठी मांग मंदिर सेवायतों ने हाई पावर्ड कमिटी से स्थानीय लोगों के लिए पास सिस्टम लागू करने की मांग की है। सेवायत प्रह्लाद बल्लभ गोस्वामी का कहना है कि दर्शन व्यवस्था में बदलाव किए जा रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए अलग रेलिंग और पास जारी करने की व्यवस्था भी जरूरी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हर निर्णय श्रद्धालुओं की भलाई और परंपरा को अक्षुण्ण रखते हुए ही स्वीकार किया जाएगा।
आदेश का इंतज़ार गौरतलब हों कि, हाई पावर्ड कमिटी के अध्यक्ष ने हाल ही में जिला कलेक्ट्रेट और वृंदावन में बैठकों के दौरान सुरक्षा, संपत्ति और दर्शन व्यवस्था से जुड़े कई फैसले लिए। हालांकि, मंदिर प्रबंधन को अब तक कोई लिखित आदेश नहीं मिला है।