राज्यपाल ने यूपी के खूंखार अपराधियों पर नहीं दिखाई रहम,
किए ऐसे अपराध सुनकर कांप जाएंगे
19 days ago
Written By: विनय के. सिंह
लखनऊ। प्रदेश के विभन्न जेलों में निरुद्ध गंभीर प्रकृति के अपराधियों की दया याचिकाएं राज्यपाल ने खारिज कर दी हैं। इनमें कई एसे अपराधी हैं, जिन्होंने रंजिशन तीन-तीन हत्याओं को अंजाम दिया था। दया याचिका स्वीकार करने से समाज में गलत संदेश जाएगा, इस कारण समयपर्व रिहाई को नामंजूर कर दिया गया।
प्रयोगात्माक परीक्षा दिलाने के बहाने वाराणसी लाया फिर रेप के बाद हत्या की
बिहार के कैमुर भंभुआ निवासी लालजी यादव ने एक 18 वर्षीय युवती को प्रयोगात्मक परीक्षा दिलाने के बहाने 22 जनवरी 2022 को वाराणसी लेकर आया था। इस दौरान उस युवती के साथ रेप किया और फिर उसकी हत्या भी कर दी। वाराणसी कारागार में 26 वर्ष की सजा भोगने के बाद लालजी यादव की तरफ से दया याचिका लगाकर समयपूर्व रिहाई की मांग की गई थी। काफी विचार करने के बाद खारिज कर दिया गया।
मामूली विवाद में कर डाली तीन हत्याएं
रायबरेली जिले के बछरावा कुटीरघुनाथखेड़ा निवासी रामहेत पुत्र प्यारे लोध बरेली जोन में बंद हैं। रामहेत ने मामूली विवाद में 17 सितंबर 2005 को अपने तीन साथियों के साथ मिलकर तीन लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। इस घटना में तीन अन्य लोग घायल भी हुए थे। जिला एवं सत्र न्यायालय ने रामहेत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कारागार में लंबा समय बीतने के बाद रामहेत ने दया याचिका लगाई थी, लेकिन राज्यपाल ने नामंजूर कर दी।
तरक्की देख परिवार में कर डाली तीन हत्याएं
आगरा जेल में निरुद्ध असगर पुत्र अफसर खान निवासी बिलारी मुरादाबाद ने अपने परिवार के अन्य लोगों की तरक्की देख उनकी हत्या करने की ठान ली। 27 जून 1094 की रात उसने अपने भाई फरचंद उसकी पत्नी बानों एवं एक अन्य रईसी को धारदार हथियार से मारकर हत्या कर दी थी। न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा दी। असगर की दया याचिका भी खारिज कर दी गई।
बच्चे के अप्राकृतिक मैथून के बाद की थी हत्या
फतेहगढ़ कारागार में बंद महेश पुत्र राजाराम निवासी कोतवाली कन्नौज ने 31 दिसंबर 2004 को एक बच्चे के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाया। बच्चा किसी को बता न दे इस आशय में उसने बच्चों का मुह बंद करके गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी। महेश को आजीवन कारावास की सजा दी गई थी, जिसकी दया याचिका खारिज कर दी गई।