जिसे मरा हुआ बता कर बन बैठे थे संपत्ति के वारिस...
वापस आ के बोला साहब जिंदा हूं मैं
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां अपर नगर मजिस्ट्रेट-द्वितीय की कोर्ट से एक ऐसा आदेश पारित हुआ जिसमें जमीन के मूल खातेदार को मृत दिखा दिया गया। पूरा मामला तब खुला जब 8 सितंबर को संपूर्ण समाधान दिवस पर खातेदार खुद एसडीएम सदर के सामने पहुंच गया। वहीं अब लेखपाल की जांच में पीड़ित के आरोप सही पाए गए हैं।
मेहतरपुर करोड़ गांव की जमीन का विवाद यह विवाद सदर तहसील के मेहतरपुर करोड़ गांव का है। यहां 30 अगस्त को शिवचंद्र बनाम कृपाल सिंह का मुकदमा निस्तारित हुआ। इस आदेश में शिवचंद्र को मृतक दिखाकर हारुनगला के रहने वाले राममूर्ति को उनका वारिस घोषित कर दिया गया। मामला उदयपुर जसरथपुर गांव के गाटा नंबर 109 से जुड़ा है, जिसकी कुल 1.994 हेक्टेयर जमीन में तीन हिस्सेदार हैं। अपर नगर मजिस्ट्रेट-द्वितीय विजय सिंह की कोर्ट में इस जमीन पर वाद चल रहा था। 19वीं पेशी के बाद कोर्ट ने राममूर्ति को जमीन का एक-तिहाई हिस्सा देने का आदेश सुना दिया।
पीड़ित ने समाधान दिवस पर खोली पोल आदेश की जानकारी होने के बाद पीड़ित शिवचंद्र संपूर्ण समाधान दिवस पर अर्जी लेकर पहुंचे। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने हिस्से की जमीन 19 अक्टूबर 2023 को ही बेच दी थी। इसके बावजूद राममूर्ति ने फर्जी कागजात लगाकर कोर्ट में दावा किया और उन्हें मृत दिखाकर वारिस बनने की कोशिश की। शिवचंद्र का आरोप है कि आरोपी उनकी जमीन हड़पना चाहता है। उन्होंने केस दर्ज कर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
जांच के आदेश और अधिकारियों की प्रतिक्रिया इस मामले पर एसडीएम सदर प्रमोद कुमार ने कहा कि मामला संज्ञान में है। जांच रिपोर्ट अभी नहीं मिली है, लेकिन रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अपर नगर मजिस्ट्रेट-द्वितीय विजय सिंह ने भी कहा कि अगर आरोपी ने गलत कागजात के आधार पर खुद को वारिस बताया है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।