जेवर एयरपोर्ट को लेकर खत्म हुआ इंतजार…
जल्द ही फ्लाइट्स भरेंगी डोमेस्टिक और इंटरनेशनल उड़ान
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
नोएडा के जेवर में बनने वाला देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट अब अपनी उड़ान भरने को तैयार है। लंबे समय से खिंचती आ रही तारीखों और बदलती घोषणाओं के बाद आखिरकार एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू ने पुष्टि कर दी है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट 30 अक्टूबर से यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा।
पहली उड़ानें दस बड़े शहरों के लिए मिली जानकारी के मुताबिक, इस एयरपोर्ट की शुरुआत दस प्रमुख शहरों के लिए उड़ानों से होगी। इनमें बेंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई जैसे मेट्रो शहर भी शामिल हैं। इस फैसले से न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के हवाई नेटवर्क को नई ताकत मिलेगी। दरअसल, यह प्रोजेक्ट बार-बार तय समय से पीछे खिसकता रहा। पहले इसे सितंबर 2024 में शुरू करने की योजना थी, फिर अप्रैल 2025 और बाद में जून 2025 की तारीख सामने आई। लेकिन अब 30 अक्टूबर की तारीख को लेकर मंत्रालय पूरी तरह आश्वस्त है।
इंडिगो शुरू करेगा अंतरराष्ट्रीय उड़ानें एयरलाइन कंपनी इंडिगो जेवर एयरपोर्ट से कुछ अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स भी शुरू करने जा रही है। इससे दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी यूपी के यात्रियों को विदेश जाने के लिए अब दिल्ली एयरपोर्ट पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। एयरपोर्ट खुलने से पर्यटन, व्यापार और निवेश के नए रास्ते भी खुलेंगे।
यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाओं का वादा एविएशन मंत्री ने बताया कि अगले दो महीनों में देश के सभी एयरपोर्ट्स पर मुफ्त वाई-फाई, लाइब्रेरी और बच्चों के लिए किड जोन जैसी सुविधाएं मिलेंगी। गाजियाबाद का हिंडन एयरपोर्ट भी इसमें शामिल है, हालांकि वहां फिलहाल विस्तार कार्य चल रहा है, इसलिए नई उड़ानों की शुरुआत में थोड़ा वक्त लगेगा।
चार चरणों में होगा विकास नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण 29,650 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है। पहले चरण में करीब 10,056 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस चरण में एक रनवे और एक आधुनिक टर्मिनल बिल्डिंग बनेगी, जो सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों को संभाल सकेगी। पूरा प्रोजेक्ट चार चरणों में पूरा होगा और जब सभी चरण पूरे हो जाएंगे, तो एयरपोर्ट की क्षमता सालाना 7 करोड़ यात्रियों तक पहुंच जाएगी। कुल 1,334 हेक्टेयर में फैला यह एयरपोर्ट देश के सबसे बड़े हवाई अड्डों में शामिल होगा।
स्विस कंपनी कर रही निर्माण दरअसल इस मेगा प्रोजेक्ट को बनाने की जिम्मेदारी स्विट्जरलैंड की एक कंपनी को मिली है। एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग लगभग 1 लाख वर्गमीटर में होगी। यहां एक साथ 28 विमान खड़े हो सकेंगे। इसके अलावा, 40 एकड़ में MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहाल) हब और 80 एकड़ में मल्टी-मॉडल कार्गो हब विकसित होगा। इससे जेवर एयरपोर्ट सिर्फ यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि व्यापार और लॉजिस्टिक्स के लिहाज से भी बड़ी भूमिका निभाएगा।