UP: मांस खिलाकर और खून पिलाकर कराते थे धर्म परिवर्तन..!
कहानी सुनकर कांप उठेगा कलेजा, जानें कौन कर रहा फंडिंग...
2 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के आगरा में धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के मामले ने तूल पकड़ लिया है। थाना शाहगंज पुलिस ने मंगलवार को केदार नगर स्थित एक घर में चल रही धर्मांतरण की गतिविधियों का भंडाफोड़ करते हुए मुख्य आरोपी राजकुमार लालवानी समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था। अब पुलिस राजकुमार को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है, ताकि इस पूरे नेटवर्क की गहन जांच की जा सके।
बैंक खातों में पैसों के लेन-देन की जांच
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, राजकुमार लालवानी और उसके परिवार के बैंक खातों की पूरी जानकारी खंगाली जा रही है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि कब, कहां से और कितनी रकम उसके खाते में आई। कई बार आरोप है कि फंडिंग उसकी बेटी के खाते में भी की जाती थी। बैंक से सभी लेन-देन का रिकॉर्ड मांगा गया है। पूछताछ में सामने आया है कि राजकुमार को महाराष्ट्र और हरियाणा से फंडिंग की जा रही थी। पुलिस अब यह जांच रही है कि रकम किन-किन लोगों के खातों से आई और किनके पास भेजी गई।
बीमारी दूर करने के बहाने धर्मांतरण का खेल
थाना शाहगंज पुलिस की जांच में सामने आया है कि गिरोह बीमारी और कष्ट दूर करने के बहाने लोगों को अपने पास बुलाता था। फिर उन्हें हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करता था। आरोप है कि, धर्म परिवर्तन के इच्छुक लोगों को कलावा पहनने और तिलक लगाने से मना किया जाता था। घर में मूर्ति रखने पर भी रोक थी। पुलिस के मुताबिक, कीर्तन सभाओं के दौरान लोगों को मांस खिलाया जाता था और खून पिलाया जाता था, ताकि उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए तैयार किया जा सके। हालांकि, धर्म परिवर्तन करने वालों को किसी भी तरह का प्रमाणपत्र नहीं दिया जाता था। पुलिस का कहना है कि कई बार लोगों के कष्ट दूर करने के नाम पर रुपये भी लिए जाते थे और उस रकम को आरोपी आपस में बांट लिया करते थे।
गूगल मीट पर होती थी प्रार्थनासभा
इस पूरे गिरोह का जाल काफी बड़ा है। पूछताछ में सामने आया है कि राजकुमार लालवानी गूगल मीट के जरिए ऑनलाइन प्रार्थनासभाएं आयोजित करता था। इन सभाओं में यूट्यूब चैनल पर वीडियो अपलोड करके ईसाई धर्म का प्रचार किया जाता था। पुलिस जांच में पता चला है कि इन ऑनलाइन सभाओं में न केवल कई भारतीय शहरों के लोग शामिल होते थे, बल्कि स्पेन और दुबई के लोग भी जुड़े रहते थे।
डायरी और रजिस्टर से मिल सकते हैं बड़े सुराग
पुलिस ने मुख्य आरोपी के पास से डायरी और रजिस्टर बरामद किए हैं, जिनमें कई लोगों के नाम, पते और मोबाइल नंबर दर्ज हैं। इनकी विस्तृत पड़ताल की जा रही है। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह का नेटवर्क देश के अलग-अलग राज्यों तक फैला हो सकता है।
रिमांड पर लेकर गहराई से होगी जांच
एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि पुलिस इस मामले में मुख्य आरोपी को रिमांड पर लेकर पूछताछ करना चाहती है। रिमांड के जरिए यह पता लगाने की कोशिश होगी कि इस गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं और फंडिंग कहां से आ रही है। जल्द ही पुलिस कोर्ट में प्रार्थनापत्र दाखिल करेगी। साथ ही, आरोपी के बैंक खातों में हुए लेन-देन की जानकारी भी जुटाई जा रही है।