यूपी के इस शहर में हैं सबसे अमीर भिखारी,
लाख रूपए महीने तक की कमाई, सर्वे से हुआ बड़ा खुलासा
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
फटे कपड़ों, झुकी हुई कमर और हाथ फैलाए किसी भिखारी को देखकर अक्सर मन में दया उमड़ आती है। लगता है कि शायद इनकी जिंदगी बड़ी मुश्किल में कट रही होगी। लेकिन लखनऊ में हुए हालिया सर्वे के आंकड़े सुनकर आपकी धारणा बदल जाएगी। यहां के भिखारी नौकरीपेशा लोगों से भी ज्यादा कमाई कर रहे हैं, और वो भी बिना किसी ओवरटाइम या बॉस की डांट खाए।
डूडा विभाग ने कराया सर्वे लखनऊ में डूडा, नगर निगम और समाज कल्याण विभाग ने भिखारियों की धरपकड़ और पहचान के लिए एक बड़ा सर्वे किया। इस दौरान पांच हजार से ज्यादा भिखारियों की जांच हुई और नतीजे सबको हैरान कर देने वाले थे। कई भिखारियों के पास पैन कार्ड और स्मार्टफोन तक मिले। यानी ये लोग मजबूरी में नहीं, बल्कि पेशेवर अंदाज में भीख मांगने का कारोबार कर रहे हैं।
महिलाओं की सबसे ज्यादा कमाई सर्वे में सामने आया कि भिखारियों में सबसे ज्यादा कमाई महिलाओं की है। खासकर वे महिलाएं, जो प्रेग्नेंट हैं या जिनके गोद में बच्चा होता है। आंकड़ों के मुताबिक, ऐसी महिलाएं रोजाना तीन हजार रुपये तक कमा लेती हैं। वहीं बुजुर्ग और बच्चे औसतन 900 से 1500 रुपये तक की भीख जुटा लेते हैं।
90 हजार महीने तक की आमदनी कुछ पेशेवर भिखारी सुनियोजित तरीके से काम करते हैं और उनकी औसत कमाई करीब 1200 रुपये रोजाना यानी 36 हजार रुपये महीना बैठती है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि लखनऊ में कुछ भिखारी महीने में 90 हजार रुपये तक कमा रहे हैं। दिलचस्प यह भी है कि ये वीकेंड पर आराम करते हैं और कई लोग उन्हें मुफ्त में खाना-कपड़ा भी उपलब्ध करवा जाते हैं।
चारबाग बना सोने की खान लखनऊ का चारबाग इलाका भिखारियों के लिए ‘हॉटस्पॉट’ बन चुका है। यहां की कमाई सबसे ज्यादा दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक, लखनऊ में करीब 90% भिखारी पेशेवर हैं, जबकि बेहद कम लोग मजबूरी में भीख मांगते हैं। अगर कुल गणित लगाया जाए तो शहरवासी हर महीने करीब 63 लाख रुपये भीख के रूप में बांट रहे हैं।
नौकरी से बेहतर धंधा ? सोचिए, जब एक भिखारी महीने में 90 हजार रुपये तक कमा सकता है, तो कई नौकरीपेशा लोगों की तनख्वाह भी इसके आगे फीकी पड़ जाती है। यही वजह है कि अब भीख मांगना कुछ लोगों के लिए मजबूरी नहीं, बल्कि एक ‘सुनियोजित रोजगार’ का रूप ले चुका है।