गोरखपुर के छात्र की हत्या के बाद कुशीनगर के 25 पुलिसकर्मी लाइनहाजिर,
पशु तस्करों से मिली-भगत का आरोप
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
गोरखपुर जोन में शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई ने पुलिस विभाग में भूचाल ला दिया। एडीजी गोरखपुर मुथा अशोक जैन ने कुशीनगर जिले के 25 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से लाइनहाजिर कर दिया है। आरोप है कि, ये पुलिसकर्मी पशु तस्करों से मिलीभगत कर रहे थे और उनके खिलाफ कार्रवाई में लापरवाही बरत रहे थे।
NEET छात्र की हत्या बनी टर्निंग प्वाइंट गौरतलब हो कि, अभी कुछ दिन पहले गोरखपुर में NEET की तैयारी कर रहे एक छात्र को पशु तस्करों ने गोली मार दी थी। छात्र की मौत ने पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार और पुलिस प्रशासन को घेरा। बढ़ते दबाव के बीच पुलिस के आला अधिकारी हरकत में आए और गोरखपुर जोन में व्यापक स्तर पर जांच शुरू हुई।
खुफिया इनपुट से खुली मिलीभगत की पोल खुफिया रिपोर्ट और स्थानीय सूत्रों से यह जानकारी मिली कि कुशीनगर के कई थाना क्षेत्रों में पशु तस्करी खुलेआम चल रही थी और कुछ पुलिसकर्मी इन गतिविधियों में संलिप्त थे। एडीजी ने जैसे ही इस पर सीधे हस्तक्षेप किया, तुरंत 25 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई।
किन-किन पर हुई कार्रवाई? इस कार्रवाई में थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी, सब-इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक शामिल हैं। जिनमें कसया थाना – थाना प्रभारी अमित शर्मा, 2 सब-इंस्पेक्टर, 1 सिपाही, पटहेरवा थाना – 1 सब-इंस्पेक्टर, 3 कांस्टेबल, खड्डा थाना – 1 सिपाही, AHTU (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) – 1 सिपाही, चौराखास थाना – 2 सिपाही, हाटा कोतवाली – वरिष्ठ उप निरीक्षक (SSI), 5 सिपाही, तरया सुजान थाना – 2 दरोगा, 2 सिपाही, तमकुहीराज थाना – थाना प्रभारी, 1 दरोगा, 1 सिपाही शामिल हैं।
एडीजी का सख्त संदेश इस कार्रवाई ने पुलिस महकमे में साफ संदेश दे दिया है कि अपराधियों से मिलीभगत या भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, एडीजी मुथा अशोक जैन ने स्पष्ट कहा है कि जनता का भरोसा पुलिस की ईमानदारी पर टिका है और उसे तोड़ने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।