बरेली हिंसा के दो आरोपी पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार,
तमंचा कारतूस सहित पुलिस से छीनी गई सरकारी बंदूक भी बरामद
24 days ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के बरेली में 26 सितंबर को भड़की हिंसा के बाद पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी। इसी क्रम में बुधवार सुबह शाहजहांपुर के रहने वाले दो आरोपियों इदरीश और इकबाल का पुलिस से मुठभेड़ हो गई। जिस दौरान पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दोनों के पैर में गोली लगी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
क्या था पूरा मामला ? यह मामला बरेली शहर के इस्लामिया इंटर कॉलेज क्षेत्र का है, जहां अचानक भीड़ ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग शुरू कर दी थी। उपद्रवियों ने एसिड की बोतलें फेंकीं और एक सिपाही की सरकारी एंटी रायट गन भी छीन ली थी। इस घटना के बाद थाना कोतवाली में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू हुई।
कैसे हुआ एनकाउंटर ? पुलिस के मुताबिक, बुधवार सुबह करीब 7:30 बजे पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि दंगे के दो आरोपी बाइक से मीरगंज की तरफ जा रहे हैं और वे पुलिस से छीनी गई एंटी रायट गन बेचने की फिराक में हैं। जिसके बाद सीबीगंज पुलिस टीम ने बंडिया नहर हाईवे पुलिया पर चेकिंग शुरू की। थोड़ी देर बाद जैसे ही इदरीश और इकबाल वहां पहुंचे, पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। दोनों ने फायरिंग शुरू कर दी और भागने लगे। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली उनके पैरों में लगी और दोनों दबोच लिए गए।
आरोपियों की पहचान और आपराधिक इतिहास वहीं घटना में गिरफ्तार आरोपियों कि पहचान इदरीश उर्फ बोरा, निवासी इस्लामनगर, थाना मदनापुर, शाहजहांपुर। चोरी, डकैती, गैंगस्टर एक्ट और आर्म्स एक्ट समेत 20 मुकदमों में नामजद और इकबाल (48 वर्ष) : निवासी गढ़ी उमौरा, थाना मदनापुर, शाहजहांपुर। डकैती और गैंगस्टर एक्ट समेत 17 मुकदमों में शामिल के रूप में हुई है।
बरामद सामान वहीं पुलिस ने आरोपियों के पास से दो तमंचे (315 बोर के) तीन जिंदा कारतूस और दो खोखे, एक सरकारी एंटी रायट गन (जो दंगे में छीनी गई थी) एक पैशन प्लस मोटरसाइकिल और दो मोबाइल फोन बरामद किये हैं।
पूछताछ में कबूलनामा वहीं पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने कबूला किया है कि, उन्होंने ही 26 सितंबर को पुलिस पर हमला किया था और उसी दौरान सिपाही की गन छीनी थी। उनका कहना था कि वे इस गन को बेचने के लिए मीरगंज जा रहे थे। पूछताछ में यह भी सामने आया कि इस हिंसा के पीछे आईएमसी नेता नदीम खान का हाथ था, जिसने उन्हें दंगे के दौरान बुलाया था। नदीम खान पहले ही जेल भेजा जा चुका है।
पुलिस अधिकारियों का बयान एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि. दंगाइयों और अपराधियों के खिलाफ लगातार अभियान चल रहा है और किसी को भी कानून व्यवस्था बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने साफ किया कि निर्दोषों को परेशान नहीं किया जाएगा लेकिन दोषियों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में बाहरी और संगठित अपराधियों की संलिप्तता की जांच की जा रही है।