यूपी में वाहन स्वामियों की बल्ले-बल्ले..!
पिछले पांच साल के ई-चालान माफ़ करेगी सरकार
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। राज्य में वर्ष 2017 से 2021 के बीच काटे गए लाखों ई-चालान अब स्वतः समाप्त माने जाएंगे। यानी जिन चालानों पर अदालत में कार्रवाई लंबित थी या जो समय-सीमा से बाहर हो चुके हैं, वे अब मान्य नहीं रहेंगे। इस कदम से प्रदेशभर के वाहन मालिकों को सीधी राहत मिलेगी।
अब सेवाओं में नहीं होगी अड़चन माना जा रहा है कि, पुराने ई-चालानों के समाप्त होने से फिटनेस, परमिट, वाहन ट्रांसफर और हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) जैसी सेवाओं में आ रही दिक्कतें दूर हो जाएंगी। वहीं, वाहन मालिक अब बिना किसी अतिरिक्त बोझ के इन सेवाओं का लाभ ले सकेंगे।
कितने चालान थे लंबित ? परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2017 से 2021 तक कुल 30,52,090 ई-चालान जारी हुए थे। इनमें से 17,59,077 पहले ही निस्तारित हो चुके हैं, जबकि 12,93,013 चालान अब तक लंबित थे। इनमें से 10,84,732 चालान कोर्ट में और 1,29,163 चालान ऑफिस स्तर पर पेंडिंग थे। अब ये सभी स्वतः खत्म हो जाएंगे। विभाग ने बताया कि एक महीने के भीतर पोर्टल पर स्थिति अपडेट कर दी जाएगी और वाहन मालिक आसानी से अपने चालान का स्टेटस देख सकेंगे।
क्यों लिया गया यह फैसला ? वहीं, परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने आदेश में कहा कि यह निर्णय जनहित और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। लंबे समय से कोर्ट में पड़े छोटे-मोटे चालानों से न्यायपालिका और प्रवर्तन तंत्र पर अनावश्यक बोझ बढ़ रहा था। वसूली लगभग असंभव हो चुकी थी। हाई कोर्ट ने भी साफ कहा था कि ऐसे चालान “by operation of law” समाप्त माने जाएंगे। इसी आधार पर राज्य सरकार ने पोर्टल स्तर पर यह आदेश लागू करने का निर्णय लिया।
किन पर लागू नहीं होगा आदेश? यह राहत केवल सामान्य ई-चालानों पर लागू होगी। टैक्स रिकवरी से जुड़े मामले, मोटर व्हीकल्स टैक्सेशन एक्ट के अंतर्गत बकाया टैक्स, गंभीर सड़क दुर्घटनाओं, IPC की धाराओं या शराब पीकर वाहन चलाने जैसे प्रकरण इस आदेश के दायरे में नहीं आएंगे। इन मामलों में चालान जारी रहेंगे। वहीं माना जा रहा हिया कि,इस कदम से वाहन मालिकों को कानूनी झंझट से राहत मिलेगी और सेवाएं सरल हो जाएंगी। खासकर टैक्सी, ऑटो और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों के लिए यह राहत बेहद अहम है।
आगे की प्रक्रिया 30 दिन के भीतर सभी जिलों के RTO/ARTO दफ्तर लंबित चालानों की स्थिति बदलकर पोर्टल पर “Disposed-Abated” या “Closed-Time Bar” के रूप में दर्ज करेंगे। एक महीने बाद वाहन मालिक पोर्टल पर लॉगिन करके देख पाएंगे कि उनका चालान समाप्त हुआ या नहीं। वहीं हाई कोर्ट के विशेष आदेश वाले मामलों में सात दिन के भीतर चालान हटाने की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।