वक्फ संशोधन बिल भारी हंगामे के बीच लोकसभा में हुआ पास,
उत्तर प्रदेश में वक्फ की 98 फीसदी जमीन पर मंडराया खतरा
21 days ago
Written By: State Desk
वक्फ संशोधन बिल सदन में पास होने के बाद यूपी की 98 फीसदी वक्फ संपत्तियों पर खतरा मंडरा रहा है। दरअसल इतनी वक्फ संपत्तियां अभी तक राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हैं। इन विवादित मामलों को अब वक्फ बोर्ड नहीं, बल्कि संबंधित जिलाधिकारी निर्णय लेने के लिए अधिकृत होंगे। वहीं, वक्फ बोर्ड जिन 57792 सरकारी संपत्तियों पर अपना दावा कर रहे हैं, ये संपत्तियां भी अब उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर होंगी।
उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड की 27 फीसदी जमीन
देश में रेलवे और सेना के बाद तीसरी सबसे अधिक जमीन को वक्फ बोर्ड होल्ड करता है। भारत में वक्फ बोर्ड की सबसे ज्यादा जमीन यूपी में है, जो कुल वक्फ बोर्ड की अचल संपत्ति का 27 फीसदी हिस्सा है। यहां कुल 2,32,547 अचल संपत्तियां हैं। इसके बाद पंजाब और पश्चिम बंगाल में 9 फीसदी जमीनें हैं। तमिलनाडु में 8 प्रतिशत, केरल, तेलंगाना और गुजरात में 5 फीसदी है। कर्नाटक में वक्फ बोर्ड की कुल अचल संपत्ति का 7 फीसदी हिस्सा है।
वक्फ संपत्तियों के नाम पर बड़ा खेल, सरकारी ज़मीनों पर ठोका दावा
उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद से ही वक्फ संपत्तियों के नाम पर बड़ा खेल हुआ है। यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सार्वजनिक उपयोग की जमीनों को भी वक्फ बोर्ड ने अपने यहां वक्फ के रूप में दर्ज कर लिया हैं। लेकिन वक्फ बिल के संशोधन के बाद अब इन विवादों की सुनवाई जिलाधिकारी करेंगे और फसली वर्ष 1359 यानी 1952 के राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर फैसला देंगे। यूपी में 57792 सरकारी संपत्तियां अवैध रूप से वक्फ संपत्तियों के रूप में दर्ज हैं। इनका रकबा 11712 एकड़ है। नियमानुसार, इन संपत्तियों को वक्फ नहीं किया जा सकता था। ये संपत्तियां सभी जिलों में स्थित हैं। वक्फ बिल का संशोधित कानून लागू होते ही ये इन जमीनों पर से वक्फ का अधिकार खत्म हो जाएगा । जिसके बाद प्रशासन का इन संपत्तियों पर कब्जा लेना बाकी रह जाएगा।
शत्रु संपत्तियों पर भी वक्फ बोर्ड ने डाली नजर
सूबे के तमाम जिलों में शत्रु संपत्तियों को भी वक्फ के रूप में दर्ज कर लिया गया है, जिन्हें नियमानुसार सुनवाई की प्रक्रिया पूरी करने के बाद वापस लेना आसान होगा। शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में 132140 संपत्तियां बतौर वक्फ दर्ज हैं, लेकिन अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की रिपोर्ट में भी स्वीकार किया गया है कि इनमें से महज 2528 संपत्तियां ही राजस्व रिकॉर्ड में वक्फ के रूप में दर्ज हैं। संशोधित कानून आने के बाद शेष संपत्तियों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराना आसान नहीं होगा, क्योंकि इसके लिए पड़ताल की लंबी कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ेगी।