एक बच्चा मर गया तो उसके लिए सब आ गए, हजार जिंदा हैं लड्डू खाने जाइए…
मासूम की मौत पर बोलीं गोंडा CMO
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। शहर के बीचोंबीच अवैध तरीके से चल रहे एक नर्सिंग होम में एक ही घंटे के भीतर दो नवजात शिशुओं की मौत हो गई। शोक और आक्रोश से भरे परिजनों के बीच, गोंडा की मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) रश्मि वर्मा का बयान आग में घी डालने का काम कर गया। वायरल वीडियो में CMO रश्मि वर्मा कहते हुए नजर आ रही हैं- "एक बच्चा मर गया तो उसके लिए सब आ गए, हजार जिंदा हैं लड्डू खाने जाइए।" जिसके बाद इस बयान ने न केवल मृतकों के परिजनों को, बल्कि पूरे गोंडा जिले को झकझोर कर रख दिया है।
कैसे हुई दोनों बच्चों की मौत ? जानकारी के अनुसार, कटरा बाजार के विनय सिंह की पत्नी ने 1 सितंबर को सीएचसी में बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे की हालत खराब होने पर उसे महिला अस्पताल लाया गया, लेकिन जगह न होने की बात कहकर रेफर कर दिया गया। इसके बाद महिला अस्पताल के ही दलालों और कर्मचारियों के कहने पर बच्चे को जानकी नगर स्थित इस अवैध अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान नवजात ने दम तोड़ दिया। इसी तरह 5 सितंबर को सतई पुरवा निवासी मोहित की पत्नी ने जिला महिला अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। बच्चा बीमार पड़ा तो परिजन उसे भी उसी अवैध अस्पताल ले आए। लेकिन कुछ ही समय बाद उसकी भी मौत हो गई।
जिम्मेदारी पर उठे सवाल वहीं यहां एक ही अस्पताल में दो मासूमों की मौत से पूरे इलाके में मातम पसर गया। लोगों का कहना है कि अगर समय पर सही इलाज मिलता, तो शायद बच्चों की जान बचाई जा सकती थी। लेकिन घटना से भी ज्यादा चुभने वाली बात रही CMO रश्मि वर्मा का असंवेदनशील बयान। यही नहीं, इन पर पहले भी भ्रष्टाचार और मनमानी के आरोप लग चुके हैं। गोंडा के सातों विधानसभा के विधायकों ने पहले स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल व्यवस्था और भ्रष्टाचार को लेकर CMO के खिलाफ शिकायत की थी।
विभाग की कार्रवाई वहीं इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और अवैध अस्पताल को सील कर दिया। साथ ही मामले की जांच की बात कही जा रही है, लेकिन अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इस नर्सिंग होम का संचालन कौन कर रहा था और वहां इलाज कौन सा डॉक्टर कर रहा था।