जहां कभी मुख़्तार और मुन्ना बजरंगी जैसे माफिया ने काटी थी रातें…
वहीं शिफ्ट किया जा रहा इस कुख्यात माफिया का बेटा
24 days ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश की वो झांसी जेल जहां पहले कभी मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी जैसी कुख्यात अपराधियों ने रातें काटी थीं। आज उसी जेल की सलाखों के पीछे अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को ले जाया जा रहा है। प्रयागराज की नैनी जेल से आज सुबह लगभग 6:10 बजे सरकारी काफिले के साथ अली को झांसी जेल की ओर रवाना किया गया। अचानक हुए इस जेल शिफ्ट के फैसले ने पूरे पुलिस महकमे में हलचल मचा दी है। अली को विशेष सुरक्षा व्यवस्था के तहत ले जाया जा रहा है और उसे हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा जाएगा।
झांसी जेल का काला इतिहास दरअसल इस झांसी जेल ने अतीत में कई कुख्यात अपराधियों को पनाह दी है। मुन्ना बजरंगी को बाद में बागपत जेल स्थानांतरित किया गया था, लेकिन जेल परिसर में हुई गोलीबारी में उसकी मौत हो गई थी। मुख्तार अंसारी ने भी इसी जेल में कई रातें बिताई थीं। जेल का इतिहास अपराध और आतंक के अंधेरे अध्यायों से भरा हुआ है। आज अली अहमद इसी जेल की सलाखों के पीछे नए अध्याय की शुरुआत करने जा रहा है।
अली अहमद पर आरोप दरअसल अली अहमद पर गंभीर आरोप हैं कि वह प्रॉपर्टी डीलर जीशान उर्फ जानू से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में आरोपी है। इसके अलावा अली उमेश पाल हत्याकांड में भी संलिप्त है। जुलाई 2022 में अली ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था और तभी से नैनी जेल में बंद था। 25 जून 2025 को नैनी जेल में उसकी पाली की तलाशी में 1,100 रुपये नकद बरामद हुए थे, जिसके बाद दो जेल अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था।
झांसी का सफर और सुरक्षा आपको बताते चलें कि, नैनी से झांसी तक का रास्ता लगभग 420 किलोमीटर लंबा है, जिसे काफिला लगभग सात घंटे में तय करेगा। इस दौरान अली के साथ लगभग 20 सशस्त्र पुलिसकर्मी, चार ऑरटी सदस्य और एक PAC दस्ते को तैनात किया गया है। जेल प्रशासन ने इसे अली की गतिविधियों और पिछले घटनाक्रम को देखते हुए आवश्यक सुरक्षा कदम बताया है।