आपकी गाड़ी पर भी तो नहीं लगा है इस सीरीज का नंबर प्लेट…
जल्द जान ले ये नियम, वर्ना निरस्त हो सकती है RC
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के रामपुर में एआरटीओ कार्यालय द्वारा निजी वाहनों को जी सीरीज के नंबर आवंटित कर दिए जाने से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है। मामला सामने आने के बाद अब परिवहन विभाग ने तत्काल प्रभाव से इन नंबरों को निरस्त कर दिया है और वाहन स्वामियों को सात दिन के भीतर नया नंबर आवंटित कराने का निर्देश जारी किया गया है। समय सीमा के बाद नंबर न बदलवाने पर न केवल जुर्माना लगेगा बल्कि वाहनों की आरसी भी निरस्त कर दी जाएगी।
मामला कैसे शुरू हुआ ? यह विवाद तब उभरा जब रामपुर में करीब 9 हजार निजी वाहनों को जी सीरीज का नंबर जारी कर दिया गया। जांच के दौरान बड़ी गड़बड़ी सामने आई, जिसके बाद एआरटीओ समेत कई परिवहन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया। डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बरेली जोन, समर प्रसाद गुप्ता ने एआरटीओ कार्यालय का औचक निरीक्षण कर पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी। अब सभी जी सीरीज नंबरों को निरस्त कर नया पंजीकरण नंबर जारी किया जाएगा।
जी सीरीज क्यों है खास ? दरअसल, जी सीरीज नंबर सिर्फ राजकीय वाहनों के लिए आरक्षित है। इन नंबरों के जरिए सरकारी वाहन आसानी से पहचान में आ जाते हैं, चाहे वह सरकारी दफ्तर हों या टोल प्लाजा। लेकिन निजी वाहनों को यह सीरीज मिलने से भ्रम की स्थिति बन गई, जिससे आम नागरिक और प्रशासन दोनों असमंजस में पड़ सकते थे।
परिवहन आयुक्त का निर्देश परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने स्पष्ट किया है कि, निर्धारित समय सीमा में जिन वाहन स्वामियों ने नंबर नहीं बदलवाया, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें आरसी निरस्तीकरण से लेकर जुर्माना तक शामिल होगा। साथ ही, सभी जिलों के परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे मामले पर सख्ती से अमल करें।
नया नियम और प्रावधान उत्तर प्रदेश सरकार ने वाहन पंजीकरण नियमों में हाल ही में बदलाव किया है। इसके तहत 1988 से पहले पंजीकृत वाहनों को विशेष राहत दी गई है। इन पुराने वाहनों के मालिकों को जी सीरीज हटाने की बाध्यता से छूट प्रदान की गई है। वहीं 1999 के बाद पंजीकृत निजी वाहनों को नई पहचान के तहत नंबर श्रेणी 50/55/57 में शामिल किया जाएगा। यह कदम निजी और सरकारी वाहनों में स्पष्ट अंतर सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।