माफिया के बेटे की विधायकी पर संकट ?
हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने सुनाई ऐसी सजा कि, मच गया हडकंप
1 months ago
Written By: STATE DESK
Abbas Ansari Legislative Membership: उत्तर प्रदेश की मऊ सदर सीट से सुभासपा के विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में मऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कुल चार सजाएं दी हैं, जो एक साथ चलेंगी। इस फैसले के बाद अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता खतरे में आ गई है। हालांकि, अब्बास अंसारी ने कोर्ट के फैसले के विरुद्ध हाई कोर्ट जाने का ऐलान किया है।
एक साथ चलेगी तीन साल की सजा
मऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. के.पी. सिंह ने अब्बास अंसारी को आईपीसी की धारा 189, 153ए, 171एफ और 506 के तहत दोषी माना है। कोर्ट ने धारा 189 और 153ए के तहत दो-दो साल की सजा, धारा 171एफ के तहत छह महीने की सजा और धारा 506 के तहत एक साल की सजा सुनाई। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इस मामले में उनके छोटे भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया गया है, जबकि सह-आरोपी मंसूर अंसारी को साजिश रचने का दोषी मानते हुए छह महीने की सजा दी गई है।
अब्बास की विधयाकी पर संकट
वहीं माना जा रहा है कि, यह फैसला अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता पर बड़ा प्रभाव डालेगा। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102(1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार, यदि किसी विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता स्वतः रद्द मानी जाती है। इसलिए अब्बास अंसारी की विधायकी खतरे में आ गई है।
अब्बास अंसारी ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मऊ सदर सीट से सुभासपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। चुनाव प्रचार के दौरान उनका एक विवादित बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को धमकी दी थी। इस बयान के आधार पर चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था।
इस सजा के बाद मऊ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है और सभी की निगाहें अब विधानसभा सचिवालय की ओर हैं, जो उनकी सदस्यता पर अंतिम फैसला करेगा। अब देखना होगा कि यह राजनीतिक विवाद किस दिशा में जाता है और आगामी दिनों में मऊ की राजनीतिक तस्वीर कैसी बनती है।
हाई कोर्ट जाएंगे अब्बास अंसारी
वहीं कोर्ट के इस फैसले के बाद अब्बास अंसारी ने कहा है कि, वे मऊ की सीजेएम कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे। उनका कहना है कि इस मामले में उनके पक्ष को पूरी तरह से नहीं सुना गया। इसलिए अब वे अपनी बात हाई कोर्ट के सामने रखेंगे।
क्या था पूरा मामला?
दरअसल यह मामला एक पुराने भाषण से जुड़ा है, जिसमें अब्बास अंसारी पर भड़काऊ और विवादित बयान देने का आरोप लगा था। यह मामला 3 मार्च 2022 का है, जब विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास अंसारी ने मऊ के पहाड़पुर मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार बनने के बाद वह अधिकारियों से 'हिसाब' लेंगे। उनके इस बयान को प्रशासन के लिए धमकी माना गया और हेट स्पीच का मामला दर्ज हुआ।
जिसके बाद सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद की शिकायत पर अब्बास अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। केस में उन पर आपराधिक धमकी, चुनाव अधिकार का दुरुपयोग, सरकारी कार्य में बाधा डालने, सरकारी कर्मचारियों को धमकाने, धर्म व जाति के आधार पर वैमनस्य फैलाने और साजिश रचने जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई थीं।