"‘मेरे बेटे ने सुसाइड नहीं किया, यह मर्डर है…’;
धमकियों से टूटे डॉक्टर पीयूष की मौत पर पिता का दर्द".
1 months ago Written By: Aniket Prajapati
आगरा के कमलानगर में रहने वाले डॉ. पीयूष सिंह (युवा दन्तचिकित्सक) की 22 नवंबर की रात मौत के बाद परिवार ने कहा है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या की कोशिश और लगातार मिली धमकियों का नतीजा है। पिता महिपाल सिंह का कहना है कि बेटे को बार-बार धमकियाँ मिलती थीं। पीयूष ने सुसाइड नोट में गोरखपुर की एक युवती और उसके परिवार के तीन सदस्य लिखे हैं और उनके मोबाइल नंबर दिए हैं। पीयूष ने लिखा कि इन्हीं लोगों और उनके किस्म के पुलिस कनेक्शन ने उसे परेशान किया। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम किया और जांच शुरू की है। परिवार पुलिस कार्रवाई जल्द होने की मांग कर रहा है।
परिवार और हालात
पीयूष के पिता महिपाल (75) बिजली विभाग के रिटायर्ड जूनियर इंजीनियर हैं। परिवार में 9 बच्चे हैं। पीयूष सबसे बड़ा बेटा था। बीडीएस की पढ़ाई उन्होंने कानपुर के महाराणा प्रताप मेडिकल कॉलेज से की थी। वह कुछ समय क्लिनिक में नौकरी करते थे। छह महीने पहले घर लौटे थे और तबसे वे परेशान दिखने लगे थे।
धमकियाँ और शिकायत
परिवार के अनुसार तीन साल पहले पीयूष की स्नैप चैट से गोरखपुर की एक युवती से दोस्ती हुई। युवती के घरवालों को जब यह बात पता चली तो वे फोन पर धमका रहे थे। पीयूष को रेप व किडनैपिंग में फंसाने की धमकी दी जाती थी। 17 नवम्बर को वकील के जरिए कमलानगर थाने में युवती और उसके परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई, पर परिवार का कहना है कि पुलिस कार्रवाई ठोस नहीं हुई। इससे पीयूष और ज्यादा घबराया।
22 नवम्बर की रात क्या हुआ
परिवार बताते हैं कि 22 नवम्बर को रात करीब 11:30 बजे छोटे भाई आयुष ने देखा कि पीयूष कमरे में फर्श पर पड़े हैं। पास में एक इंजेक्शन और सीरिंज मिला। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, बाद में उन्हें एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया जहाँ उनकी मौत हो गई। कमरे से एक डायरी और सुसाइड नोट मिला, जिसमें पीयूष ने चार लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार लिखा और अपने फोन का पासवर्ड भी दिया।
पुलिस की प्रतिक्रिया और आगे की जांच
एडिशनल डीसीपी आदित्य कुमार ने कहा है कि पोस्टमॉर्टम में मौत का कारण साफ नहीं हुआ है। बिसरा संरक्षित किया गया है और जांच चल रही है। उन्होंने बताया कि युवती के परिवार से संपर्क किया जाएगा और शादी के बाद उनसे पूछताछ की जाएगी। पुलिस ने कहा है कि जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई होगी।
परिजनों की आशा और सवाल
पिता महीपाल रो-रोकर कहते हैं कि अगर पुलिस समय पर मदद करती तो शायद आज यह दिन नहीं देखना पड़ता। परिवार चाहता है कि फोन की बातों और सुसाइड नोट की गहन जाँच हो। पीयूष की बहन और छोटे भाई भी चाहते हैं कि सच्चाई सामने आए और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।