आगरा में कुएं में गिरे 6 साल के मासूम की नहीं बच सकी जान,
31 घंटे तक चली कोशिशें नाकाम
1 months ago Written By: ANIKET PRAJAPATI
आगरा के किरावली क्षेत्र में शुक्रवार को हुए दिल दहला देने वाले हादसे में 6 साल के मासूम रिहांश को कुएं में गिरने के बाद बचाया नहीं जा सका। करीब 31 घंटे तक रेस्क्यू टीम ने उसे जिंदा बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही टीम तक बच्चे तक पहुंची, वह बेहोश हालत में मृत मिला। बचाव में सेना की भी मदद ली गई।शनिवार रात आठ बजे के बाद सेना के तीन कमांडो कुएं में उतरे। कुएं में बच्चे की डेड बॉडी मिलने पर उसे बाहर निकाला गया। मासूम के माता-पिता को जैसे ही शव दिखा, वे चीखते हुए बच्चे से लिपट गए। मां बार-बार बेटे का नाम लेकर अचेत हो रही थीं और भगवान से उसके जीवन की गुहार लगा रही थीं। आसपास मौजूद लोग भी उनके दर्द को देखकर भावुक हो गए।
परिवार का गुस्सा प्रशासन पर मासूम को बचाने में देरी के कारण परिवार के लोग प्रशासनिक कार्यवाही से नाराज दिखे। हादसा शुक्रवार को किरावली तहसील के वाकंदा खास गांव में हुआ था, जहां रिहांश खेलते-खेलते खेत के किनारे बने कुएं के पास चला गया और गिर गया।
पिता ने भी बचाने की कोशिश की रिहांश के पिता रामगोपाल अपने खेत में आलू की फसल देख रहे थे। उन्होंने बच्चे को रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक रिहांश कुएं में गिर चुका था। पिता चीखते हुए बेटे को बचाने दौड़े, लेकिन हादसा टल नहीं सका। गांव वालों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस और प्रशासन की टीम फायर ब्रिगेड के साथ मौके पर पहुंची। पहले गांव के ही कुछ गोताखोर कुएं में उतरे, लेकिन पानी की अधिकता के कारण बच्चे को खोजने में असफल रहे।
कुएं का पानी हटाने के प्रयास कुएं से पानी निकालने के लिए तीन पंप लगाए गए, लेकिन पानी की कमी नहीं हुई और बच्चे का पता नहीं चल सका। रेस्क्यू टीम कुएं की गहराई और बच्चे की स्थिति का पता लगाने में जुटी रही। गोताखोर ऑक्सीजन मास्क पहनकर लगातार प्रयास करते रहे।
रात में रोकना पड़ा ऑपरेशन बचाव कार्य शुक्रवार दोपहर से शुरू हुआ और देर रात तक चला। कुएं का पानी लगातार आस-पास के खेतों में भरता रहा, जिससे रेस्क्यू में अड़चनें आईं। रात में सुरक्षा कारणों से रेस्क्यू रोकना पड़ा।
सुबह फिर शुरू हुई तलाश शनिवार सुबह 9 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन दोबारा शुरू किया गया। परिजन और गांव वाले रातभर कुएं के पास डेरा डाले रहे। पंप सेट और सबमर्सिबल पंप के जरिए पानी निकालने की कोशिश हुई, लेकिन पानी फिर से कुएं में भर जाता रहा। दोपहर लगभग 2 बजे ऑपरेशन फिर रोकना पड़ा।
सेना ने दिखाई मदद शाम को DCP ईस्ट स्थिति का जायजा लेने मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों के विरोध के बाद शाम करीब 6 बजे रेस्क्यू फिर शुरू हुआ। एसडीआरएफ को कामयाबी नहीं मिलने पर सेना को बुलाया गया। सेना के दो कमांडो कुएं में उतरे और रात करीब 9 बजे रिहांश को बाहर निकाला गया। हालांकि तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
माता-पिता का दर्दनाक दृश्य शव को देखने के बाद माता-पिता चीखते-बिलखते शव से लिपट गए। मां मनोज देवी बार-बार कह रही थीं, "हे भगवान! ये क्या हो गया, मेरे लाल को कोई लौटा दो।" उनके रोने और बेहोशी के बीच आसपास की महिलाएं उन्हें संभालती रही।